महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उद्धव ठाकरे ने दी प्रतिक्रिया, नीतीश कुमार संग संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कही ये बात

By मनाली रस्तोगी | Published: May 11, 2023 02:21 PM2023-05-11T14:21:13+5:302023-05-11T14:22:48+5:30

उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरा इस्तीफा एक गलती हो सकती है लेकिन मैं इस तरह की चीजें नहीं देख रहा हूं। मैं लोगों के लिए लोकतंत्र के लिए उन लोगों के लिए लड़ रहा हूं जो मेरे पिता बालासाहेब ठाकरे का अनुसरण करते हैं।

Uddhav Thackeray speaks on the Supreme Court on Maharashtra political crisis | महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उद्धव ठाकरे ने दी प्रतिक्रिया, नीतीश कुमार संग संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कही ये बात

(फाइल फोटो)

Highlightsसुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उद्धव ठाकरे की प्रतिक्रिया सामने आई है।उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरा इस्तीफा एक गलती हो सकती है लेकिन मैं इस तरह की चीजें नहीं देख रहा हूं।कोर्ट ने पहले की स्थिति बहाल करने से इनकार करते हुए कहा कि ठाकरे ने शक्ति परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि पिछले साल 30 जून को महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बुलाना सही नहीं था। हालांकि, कोर्ट ने पहले की स्थिति बहाल करने से इनकार करते हुए कहा कि ठाकरे ने शक्ति परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उद्धव ठाकरे की प्रतिक्रिया सामने आई है।

ठाकरे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "मेरा इस्तीफा एक गलती हो सकती है लेकिन मैं इस तरह की चीजें नहीं देख रहा हूं। मैं लोगों के लिए लोकतंत्र के लिए उन लोगों के लिए लड़ रहा हूं जो मेरे पिता बालासाहेब ठाकरे का अनुसरण करते हैं।" 

महाराष्ट्र में पिछले साल शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिरने और सामने आये राजनीतिक संकट से जुड़ी अनेक याचिकाओं पर सर्वसम्मति से अपने फैसले में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि शिंदे गुट के भरत गोगावाले को शिवसेना का व्हिप नियुक्त करने का विधानसभा अध्यक्ष का फैसला 'अवैध' था।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा , चूंकि ठाकरे ने विश्वास मत का सामना किये बिना इस्तीफा दे दिया था, इसलिए राज्यपाल ने सदन में सबसे बड़े दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कहने पर सरकार बनाने के लिए शिंदे को आमंत्रित करके सही किया। पीठ में न्यायमूर्ति एम आर शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारि, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा शामिल रहे।

पीठ ने कहा, "सदन में बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल का ठाकरे को बुलाना उचित नहीं था क्योंकि उनके पास मौजूद सामग्री से इस निष्कर्ष पर पहुंचने का कोई कारण नहीं था कि ठाकरे सदन में बहुमत खो चुके हैं।" 

पीठ ने ये भी कहा, "हालांकि, पूर्व स्थिति बहाल नहीं की जा सकती क्योंकि ठाकरे ने विश्वास मत का सामना नहीं किया और इस्तीफा दे दिया था। इसलिए राज्यपाल का सदन में सबसे बड़े दल भाजपा के कहने पर सरकार बनाने के लिए शिंदे को आमंत्रित करने का फैसला सही था।"

शीर्ष अदालत ने विधायकों को अयोग्य करार देने के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार से जुड़े पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के 2016 के नबाम रेबिया फैसले को सात न्यायाधीशों की बड़ी पीठ को भी भेज दिया।

(भाषा इनपुट के साथ)

Web Title: Uddhav Thackeray speaks on the Supreme Court on Maharashtra political crisis

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे