महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे ने निर्वाचन आयोग के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में दी चुनौती
By रुस्तम राणा | Published: October 10, 2022 04:43 PM2022-10-10T16:43:54+5:302022-10-10T16:43:54+5:30
निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार के आदेश के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
मुंबई: उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना के चुनाव चिन्ह और नाम पर रोक वाले आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने शनिवार के आदेश के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। निर्वाचन आयोग ने टीम ठाकरे और प्रतिद्वंद्वी एकनाथ शिंदे गुट को मुंबई के अंधेरी पूर्व में आगामी उपचुनाव में एक नया नाम और प्रतीक चुनने के लिए कहा है।
आयोग ने पहले प्रतिद्वंद्वियों को पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर अपने दावे का समर्थन करने के लिए आठ अगस्त तक दस्तावेजी सबूत जमा करने को कहा था। ठाकरे गुट के अनुरोध पर समय सीमा 7 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई थी। शिंदे धड़े ने 4 अक्टूबर को विधानसभा उपचुनाव के लिए धनुष-बाण चुनाव चिह्न मांगा था।
ठाकरे गुट ने शनिवार को अपना जवाब दिया और प्रतिद्वंद्वी गुट द्वारा जमा किए गए दस्तावेज़ों को ध्यान से समझने के लिए चार और सप्ताह मांगे। उधर, चुनाव आयोग के फैसले को लेकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने निर्वाचन आयोग के समक्ष सुनवाई के दौरान उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट पर जानबूझकर समय बर्बाद करने का आरोप लगाया है।
फडणवीस ने कहा, ‘‘ठाकरे गुट को पता था कि निर्वाचन आयोग के समक्ष उसका मामला कमजोर है। ठाकरे गुट ने जानबूझकर सुनवाई की तारीख स्थगित कराई, लेकिन, स्थगन का मतलब यह नहीं है कि आप कानून से बच सकते हैं।’’
उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि जब भी कोई निर्णय शिवसेना (ठाकरे गुट) और कांग्रेस के खिलाफ जाता है तो वे आरोप लगाते हैं कि केंद्रीय एजेंसियों या स्वतंत्र निकायों पर दबाव डाला जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि निर्वाचन आयोग ने अंतरिम आदेश दिया है, न कि अंतिम निर्णय।’’ भाजपा नेता ने कहा कि पिछले 25 साल में जब भी इस तरह पार्टी टूटने के मामले सामने आए हैं, आयोग ने चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम के इस्तेमाल पर रोक लगाई है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)