उद्धव ठाकरे ने शिवसेना में की 100 नए पदाधिकारियों की नियुक्ति, शिंदे कैंप के समर्थकों को किया जा रहा बर्खास्त
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 18, 2022 01:22 PM2022-07-18T13:22:28+5:302022-07-18T13:23:10+5:30
उद्धव ठाकरे ने शिवसेना को फिर से मजबूत बनाने की कोशिश शुरू कर दी है। इस कड़ी में शिवसेना में 100 नए पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है। ये नियुक्तियां मुंबई, पालघर, यवतमाल, अमरावती समेत कई जिलों में की गई हैं।
मुंबई: शिवसेना में हुई बगावत का नतीजा ये रहा कि महाराष्ट्र में नई सरकार बन गई। यहां तक कि ये दावा किया जाने लगा कि एकनाथ शिंदे का गुट पार्टी पर भी अपनी पकड़ मजबूत कर लेगा। वहीं अब बदले हालात में उद्धव ठाकरे ने शिवसेना को फिर से मजबूत बनाने की कोशिश शुरू कर दी है।
इस कड़ी में शिवसेना में 100 नए पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है। ये नियुक्तियां मुंबई,पालघर, यवतमाल, अमरावती समेत कई जिलों में की गई हैं। बता दें कि शिवसेना में बगावत के बाद पार्टी के ज्यादातर विधायक शिंदे गुट में चले गए है। ऐसे में उद्धव ठाकरे ने शिवसेना में नई चेहरों को जगह देना शुरू कर दिया है।
शिवसेना में की जा रही नई नियुक्तियां
उप विभाग प्रमुख और शाखा प्रमुख के पदों पर बड़े पैमाने पर नए चेहरों को नियुक्त किया गया है। इन पदों पर नियुक्ति विधानसभा क्षेत्रों के मुताबिक हुई है। इस बात की जानकारी रविवार को शिवसेना के मुखपत्र सामना के जरिए दी गई है। शिवसेना कार्यकर्ताओं की मानें तो पार्टी संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि शिवसेना पहले एक संगठन है उसके बाद एक पार्टी। शिवसेना की वास्तविक संपत्ति उसकी शाखा और प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि हमने उन सभी नेताओं को आगे आने का मौका दिया है, जिनको पहले मौका नहीं मिला था क्योंकि विधायकों ने अपने क्षेत्रों की नियुक्तियां की थी।
शिंदे कैंप के समर्थकों को किया जा रहा बर्खास्त
मुंबई की बात की जाए तो यहां मागठाणे,बोरीवली और दहिसर में नई नियुक्तियां की गई हैं। वहीं एमएलसी सुनील शिंदे को शिरडी का संर्पक प्रमुख बनाया गया है। अमरावती में कई नई नियुक्यिं के साथ ही सुनील खराटे को जिला प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई है। सूत्रों के मुताबिक शिंदे कैंप के विधायकों का समर्थन करने वाले सभी पदाधिकारियों को बर्खास्त किया जा रहा है। बता दें कि शिवसेना में हुई बगावत के बाद से पार्टी को लेकर विवाद शुरू हो गया था। शिंदे कैंप का समर्थन करने वाले लोगों ने कहा था कि एकनाथ शिंदे का गुट ही असली शिवसेना है।