Uber Files: दिल्ली में रेप की घटना से लेकर ड्राइवरों के खिलाफ हिंसा तक, उबर क्यों है सवालों के घेरे में? लीक दस्तावेजों ने खोले राज

By विनीत कुमार | Published: July 11, 2022 11:18 AM2022-07-11T11:18:55+5:302022-07-11T14:10:24+5:30

टैक्सी सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी उबर ने दुनिया भर के बाजारों में आक्रामक रूप से प्रवेश करने के लिए कई अनैतिक साधनों का इस्तेमाल किया। रविवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई।

Uber Files: Delhi Rape to violence against drivers, how Uber used incident as tactics for expansion | Uber Files: दिल्ली में रेप की घटना से लेकर ड्राइवरों के खिलाफ हिंसा तक, उबर क्यों है सवालों के घेरे में? लीक दस्तावेजों ने खोले राज

'उबर फाइल्स' के तहत कई अहम खुलासे (फाइल फोटो)

सैन फ्रांसिस्को: कैब राइड-शेयरिंग कंपनी उबर को लेकर मी़डिया संगठनों के समूह (ICIJ, इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट) के जांच में कई अहम खुलासे हुए हैं। इस खुलासे में ये बात सामने आई है कि उबर ने कैसे करीब एक दशक पहले शुरू किए अपने वैश्विक विस्तार को तेजी से बढ़ावा देने के लिए नैतिक रूप से संदिग्ध और संभावित अवैध रणनीति का इस्तेमाल किया। 

कंपनी के 2013 से 2017 के बीच के करीब 124000 दस्तावेजों की जांच के बाद ये बड़े खुलासे हुए हैं। इन्हें 'उबर फाइल्स' नाम दिया गया है। इन जांच में पाया गया कि उबर के अधिकारियों ने उबर ड्राइवरों के खिलाफ कभी-कभी हिंसक घटनाओं का लाभ कंपनी के फायदे के लिए उठाया क्योंकि वह नए बाजारों में अपनी पहचान बनाना चाहता था।

दिल्ली रेप केस और उबर की प्रतिक्रिया

दिल्ली में 5 दिसंबर 2014 को उबर कैब में एक महिला के साथ ड्राइवर द्वारा रेप किए जाने की घटना के बाद कंपनी के सैन फ्रांसिस्को मुख्यालय में भी हलचल थी। इसका खुलासा कंपनी के शीर्ष अधिकारियों के आंतरिक मेल या संचार से पता चलता है।

उबर से जुड़े इस स्टोरी में इंवेस्टिगेशन का हिस्सा रहे इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार नई दिल्ली बलात्कार मामले से संबंधित उपलब्ध उबर संचार से दो अलग-अलग बातें सामने आई हैं। एक ये कि कंपनी ने तुरंत ये कहा कि यह ड्राइवरों की पृष्ठभूमि की जांच (बीजीसी) को लेकर 'त्रुटिपूर्ण' भारतीय प्रणाली थी जिसके कारण आरोपी शिव कुमार यादव ने दूसरा यौन उत्पीड़न अपराध किया।

दूसरा भारतीय अधिकारियों पर दोष मढ़ने का प्रयास था। कंपनी के आंतरिक संचार से पता चला कि मार्क मैकगैन, उस समय यूरोप और मध्य पूर्व के लिए सार्वजनिक नीति के प्रमुख, ने 8 दिसंबर को लिखा था- 'हम अभी संकट में हैं और मीडिया उबल रहा है... भारतीय ड्राइवर को वास्तव में लाइसेंस मिला था, और कमजोरी/दोष स्थानीय लाइसेंसिंग योजना में नजर आता है।'

मैकगैन ने फिर से अपनी टीम को एक ईमेल भेजा और कहा कि कंपनी भारत (जहां आधिकारिक प्रणाली की गलती है, उबर की नहीं) में घटना को देखते हुए अन्य क्षेत्रों में ड्राइवरों की पृष्ठभूमि की जांच की प्रक्रिया में है। 

बता दें कि बलात्कार की घटना के परिणामस्वरूप राजधानी में उबर के लिए कुछ समय काफी मुश्किल वाले रहे थे। दिल्ली सरकार ने इसकी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था और दिल्ली हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद इसके वापस आने में सात महीने लग गए।

ड्राइवरों के खिलाफ हिंसा से उबर ने उठाया 'फायदा'

उबर के सह-संस्थापक और सीईओ रहे ट्रेविस कलानिक के एक मैसेज से ये संकेत मिला है कि फ्रांस में उबर ड्राइवरों के खिलाफ हिंसाओं को कंपनी के विस्तार के लिए भुनाने के काम में लाया गया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि उबर के ड्राइवरों को सार्वजनिक समर्थन मिले जिसका फायदा कंपनी को होगा। 

इस बाबत कलानिक ने सहयोगियों को टेक्स्ट किया था- 'हिंसा सफलता की गारंटी है।' जांच में शामिल मीडिया आउटलेट्स में से एक द वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि उबर का तेजी से विस्तार सब्सिडी वाले ड्राइवरों और किरायों में छूट पर निर्भर रहा। इससे टैक्सी इंडस्ट्री को नुकसान हुआ।
 
यूरोप भर में  उबर से जुड़े ड्राइवरों को हिंसक प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा क्योंकि टैक्सी ड्राइवरों को लगा कि उनकी आजीविका खतरे में है। जांच में पाया गया कि 'कुछ मामलों में, जब ड्राइवरों पर हमला किया गया था, तो उबर के अधिकारियों ने जल्द सार्वजनिक और नियामक समर्थन लेने के लिए कदम उठाए।

द गार्डियन के अनुसार उबर ने बेल्जियम, नीदरलैंड, स्पेन और इटली सहित अन्य यूरोपीय देशों में इसी तरह की रणनीति अपनाई। कंपनी ने ड्राइवरों को हिंसा का शिकार होने पर जल्द पुलिस में शिकायत करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि इसका इस्तेमाल मीडिया कवरेज के लिए किया जा सके।

रिपोर्ट के मुताबिक उबर ने श्रम और टैक्सी कानूनों में ढील पाने के लिए राजनीतिक हस्तियों की भी लॉबिंग की, नियामकों और कानूनी जांच को विफल करने के लिए स्टेल्थ (तथ्यों को छिपाने वाली) तकनीक का इस्तेमाल किया, बरमुडा और अन्य टैक्स हेवन से धन भेजा। इस रिपोर्ट और ऊबर से संबंधित दस्तावेजों को सबसे पहले ब्रिटिश अखबार द गार्डियन में लीक किया गया, जिसने उसे एक समूह के साथ साझा किया।

Web Title: Uber Files: Delhi Rape to violence against drivers, how Uber used incident as tactics for expansion

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