लाइव न्यूज़ :

UAPA बिलः राज्य सभा में गृहमंत्री शाह ने गिनाए NIA के केस, कहा- दुनियाभर की एजेंसियों से ज्यादा सजा देने की है दर 

By रामदीप मिश्रा | Updated: August 2, 2019 13:19 IST

UAPA Bill in Rajya Sabha: विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि 31 जुलाई, 2019 तक एनआईए ने कुल 278 मामले कानून के अंतर्गत रजिस्टर किए।

Open in App
ठळक मुद्देराज्य सभा में शुक्रवार (02 अगस्त) को 'विधि-विरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) संशोधन विधेयक-2019' (यूएपीए) पर बहस हुई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सदन के सदस्यों का जवाब देते हुए एनएआई के द्वारा दर्ज किए गए मामले गिनाए और विपक्ष को करारा जवाब दिया है। 

राज्य सभा में शुक्रवार (02 अगस्त) को 'विधि-विरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) संशोधन विधेयक-2019' (यूएपीए) पर बहस हुई। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सदन के सदस्यों का जवाब देते हुए एनएआई के द्वारा दर्ज किए गए मामले गिनाए और विपक्ष को करारा जवाब दिया है। 

उन्होंने विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि 31 जुलाई, 2019 तक एनआईए ने कुल 278 मामले कानून के अंतर्गत रजिस्टर किए। 204 मामलों में आरोप पत्र दायर किए गए और 54 मामलों में अब तक फैसला आया है। 54 में से 48 मामलों में सजा हुई है। सजा की दर 91% है। दुनियाभर की एजेंसियों में एनआईए की सजा की दर सबसे ज्यादा है। 

उन्होंने आगे कहा कि जेहादी किस्म के केसों में 109 मामले रजिस्टर्ड किए गए। वामपंथी उग्रवाद के 27 मामले रजिस्टर्ड किए गए। नार्थ ईस्ट में अलग-अलग हत्यारी ग्रुपों के खिलाफ 47 मामले रजिस्टर्ड किए गए। खालिस्तानवादी ग्रुपों पर 14 मामले रजिस्टर्ड किए गए।

गृहमंत्री ने कहा कि विदेशी मुद्रा के दुरुपयोग और हवाला के लिए 45 मामले दर्ज किए गए और अन्य 36 मामले दर्ज किए गए। सभी मामलों में कोर्ट के अंदर चार्जशीट की प्रक्रिया कानून के तहत हुई है। आतंकवाद के खिलाफ जो मामले एनआईए दर्ज करती है, वो जटिल प्रकार के होते हैं। इनमें साक्ष्य मिलने की संभावनाएं कम होती हैं, ये अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय मामले होते हैं। 

उन्होंने कहा कि जब हम किसी आतंकी गतिविधियों में लिप्त संस्था पर प्रतिबंध लगाते हैं तो उससे जुड़े लोग दूसरी संस्था खोल देते हैं और अपनी विचारधारा फैलाते रहते हैं। जब तक ऐसे लोगों को आतंकवादी नहीं घोषित करते तब तक इनके काम पर और इनके इरादे पर रोक नहीं लगाई जा सकती।

उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह ने तीन केसों का नाम लेकर कहा कि एनआईए द्वारा तीनों केसों में सजा नहीं हुई। मैं बताना चाहता हूं कि इन तीनों केसों में राजनीतिक प्रतिशोध के अधार पर एक धर्म विशेष को आतंकवाद के साथ जोड़ने का प्रयास किया गया था। सरकारी एजेंसियों को इतनी शक्ति देने और उसके दुरुपयोग पर शंका व्यक्त की गई है। इस बिल के संशोधन में, किसे आतंकी घोषित कर सकते हैं, की पूरी व्याख्या की गई है। ऐसे ही किसी को आतंकी घोषित नहीं किया जा सकता।

टॅग्स :संसद बजट सत्रराज्यसभा सत्रराज्य सभाअमित शाहभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेसदिग्विजय सिंहएनआईए
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारत'अमित शाह ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन का आधार तैयार करने के लिए SIR का इस्तेमाल किया', ममता बनर्जी ने लगाया आरोप

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतMCD Bypoll Results 2025: दिल्ली के सभी 12 वार्डों के रिजल्ट अनाउंस, 7 पर बीजेपी, 3 पर AAP, कांग्रेस ने 1 वार्ड जीता

भारतMCD by-elections Result: BJP ने चांदनी चौक और शालीमार बाग बी में मारी बाजी, कांग्रेस ने जीता संगम विहार ए वार्ड

भारत अधिक खबरें

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित