हैदराबाद मुठभेड़: एसआईटी जांच के लिए शीर्ष न्यायालय में दो जनहित याचिकाएं दायर

By भाषा | Published: December 8, 2019 06:05 AM2019-12-08T06:05:36+5:302019-12-08T06:05:36+5:30

वकील जी एस मणि और प्रदीप कुमार यादव द्वारा दायर एक अलग जनहित याचिका में संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ स्वतंत्र जांच कराने की मांग की गई। शर्मा ने याचिका में इस मुठभेड़ को

Two PILs filed in top court for SIT investigation of Hyderabad encounter | हैदराबाद मुठभेड़: एसआईटी जांच के लिए शीर्ष न्यायालय में दो जनहित याचिकाएं दायर

हैदराबाद मुठभेड़: एसआईटी जांच के लिए शीर्ष न्यायालय में दो जनहित याचिकाएं दायर

Highlightsउच्चतम न्यायालय में शनिवार को दो जनहित याचिकाएं दायर करके एसआईटी जांच और मुआवजे की मांग की गई। लंगाना पुलिस ने शुक्रवार को कहा था कि आरोपी सुबह में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गये।

 तेलंगाना में पशु चिकित्सक की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोप में गिरफ्तार किये गए चार लोगों के कथित रूप से पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के मामले में उच्चतम न्यायालय में शनिवार को दो जनहित याचिकाएं दायर करके एसआईटी जांच और मुआवजे की मांग की गई।

अधिवक्ता एम एल शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका में मांग की गई कि शीर्ष न्यायालय के पूर्व न्यायाधीशों की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) से मुठभेड़ की जांच करायी जाए। वहीं वकील जी एस मणि और प्रदीप कुमार यादव द्वारा दायर एक अलग जनहित याचिका में संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ स्वतंत्र जांच कराने की मांग की गई। शर्मा ने याचिका में इस मुठभेड़ को ‘न्यायेत्तर हत्या’ करार दिया है और इस घटना में संलिप्त पुलिसकर्मियों पर मुकदमा चलाने का अनुरोध किया है।

वहीं मणि और यादव द्वारा दायर जनहित याचिका में दावा किया गया कि कथित मुठभेड़ “फर्जी” थी और मांग की गई कि इस मामले में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए। शर्मा ने अपनी याचिका में कहा, ‘‘यह घटना संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार एवं निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार) का स्पष्ट उल्लंघन करती है। दोषी साबित होने तक कोई भी व्यक्ति निर्दोष होता है।’’ याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है।

शर्मा ने अपनी याचिका में शुक्रवार की मुठभेड़ में मारे गये प्रत्येक आरोपियों के परिजनों को 20--20 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी मांग की है। मणि और यादव ने अपनी याचिका में कहा कि कोई भी निर्दोष महिला से दुष्कर्म और हत्या में शामिल आरोपियों का समर्थन नहीं करता। याचिका में कहा गया, “हालांकि, जांच एजेंसी और अधिकारी यहां तक कि पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी भी कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं और फर्जी मुठभेड़ कर कथित दुष्कर्म आरोपियों को मार रहे हैं...बिना अदालत के सामने सजा के लिये पेश किये जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”

वहीं शर्मा ने अपनी याचिका में गिरफ्तार आरोपियों की पुलिस हिरासत में न्यायेत्तर हत्या के लिए कथित तौर उकसाने और पुलिस पर दबाव बनाने को लेकर सपा सांसद जया बच्चन तथा दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है। शर्मा ने याचिका में कहा है कि यह पुलिस हिरासत में की गई हत्या है और इसलिए ‘‘इसमें संलिप्त सभी पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए’’ तथा सीबीआई द्वारा एसआईटी जांच के बाद कानून के मुताबिक मुकदमा चलाना चाहिए। गौरतलब है कि तेलंगाना पुलिस ने शुक्रवार को कहा था कि आरोपी सुबह में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गये। मित

Web Title: Two PILs filed in top court for SIT investigation of Hyderabad encounter

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