दो महीने की बेटी ने शहीद पिता को दी मुखाग्नि, रणजीत सिंह सलारिया का सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार, पुत्री का मुंह नहीं देखा

By भाषा | Published: January 17, 2020 08:06 PM2020-01-17T20:06:50+5:302020-01-17T20:06:50+5:30

अंतिम संस्कार के दौरान उस समय हृदय विदारक दृश्य देखने को मिला जब 26 वर्षीय शहीद जवान को उनकी करीब दो महीने की बेटी परी ने मुखाग्नि दी। सलारिया के पिता हरबंस सिंह ने बताया कि परी का जन्म पिछले साल दिसंबर में हुआ था और जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी पर तैनात होने की वजह से उसके पिता ने उसे देखा भी नहीं था।

Two-month-old daughter offered prayers to martyr father, funeral of Ranjit Singh Salaria with military honor, daughter's face not seen | दो महीने की बेटी ने शहीद पिता को दी मुखाग्नि, रणजीत सिंह सलारिया का सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार, पुत्री का मुंह नहीं देखा

पार्थिव शरीर शमशान भूमि पहुंचा तब गारद सलामी देने के लिए सेना के अधिकारी वहां मौजूद थे।

Highlightsबड़ी संख्या में स्थानीय लोग श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए वहां मौजूद थे।वे ‘‘रणजीत सिंह अमर रहे’’ के नारे लगा रहे थे।

जम्मू-कश्मीर में हिमस्खलन की चपेट में आने से शहीद हुए सेना के पांच जवानों में से एक रणजीत सिंह सलारिया का शुक्रवार को पंजाब के गुरदासपुर स्थित उनके पैतृक गांव में पूरे सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया।

अंतिम संस्कार के दौरान उस समय हृदय विदारक दृश्य देखने को मिला जब 26 वर्षीय शहीद जवान को उनकी करीब दो महीने की बेटी परी ने मुखाग्नि दी। सलारिया के पिता हरबंस सिंह ने बताया कि परी का जन्म पिछले साल दिसंबर में हुआ था और जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी पर तैनात होने की वजह से उसके पिता ने उसे देखा भी नहीं था।

अधिकारियों ने बताया कि सलारिया का पार्थिव शरीर सिधपुर गांव जब पहुंचा तब बड़ी संख्या में स्थानीय लोग श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए वहां मौजूद थे और वे ‘‘रणजीत सिंह अमर रहे’’ के नारे लगा रहे थे। उन्होंने बताया कि तिरंगे में लिपटा सलारिया का पार्थिव शरीर शमशान भूमि पहुंचा तब गारद सलामी देने के लिए सेना के अधिकारी वहां मौजूद थे।

सूबेदार मेजर रवि सिंह ने बताया कि सलारिया उन पांच जवानों में थे जो मंगलवार को उत्तरी कश्मीर के माछिल सेक्टर में हिमस्खलन की वजह से चेकपोस्ट में जिंदा दफन हो गए थे। सभी जवानों को बर्फ से निकाल लिया गया लेकिन तमाम कोशिश के बावजूद सलारिया हाइपोथर्मिया के शिकार हो गए। हरबंस सिंह ने बताया, ‘‘ मुझे गर्व है कि मेरा बेटा देश के लिए शहीद हुआ है।’’ उन्होंने बताया कि पिछले साल ही सलारिया की शादी हुई थी। 

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