जम्मू-कश्मीरः PSA के तहत दो नाबालिग हिरासत में लिए, HC ने दिए जांच के आदेश और राज्य सरकार से मांगा जवाब

By रामदीप मिश्रा | Published: September 27, 2019 08:08 AM2019-09-27T08:08:43+5:302019-09-27T08:08:43+5:30

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की श्रीनगर विंग ने परिजनों द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की जांच का आदेश दिया है, जो दावा करती है कि वह 14 वर्षीय नाबालिग है और कड़े सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत उसे हिरासत में लिया गया है।

two minors detained under PSA says Relatives, Jammu Kashmir High Court ask for probe and reply | जम्मू-कश्मीरः PSA के तहत दो नाबालिग हिरासत में लिए, HC ने दिए जांच के आदेश और राज्य सरकार से मांगा जवाब

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Highlightsजम्मू-कश्मीर में दो नाबालिग बच्चों को हिरासत में लेने के लिए परिजनों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।उनका कहना है कि एक नाबालिग 16 साल का, जबकि दूसरा 14 साल का है। इस संबंध में गुरुवार को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने एक मामले में जांच आदेश दिया है।

जम्मू-कश्मीर में दो नाबालिग बच्चों को हिरासत में लेने के लिए परिजनों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनका कहना है कि एक नाबालिग 16 साल का, जबकि दूसरा 14 साल का है। इस संबंध में गुरुवार को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने एक मामले में जांच आदेश दिया है, वही दूसरे मामले में राज्य सरकार से जवाब देने के लिए कहा है।

खबरों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की श्रीनगर विंग ने परिजनों द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की जांच का आदेश दिया है, जो दावा करती है कि वह 14 वर्षीय नाबालिग है और कड़े सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत उसे हिरासत में लिया गया है। न्यायमूर्ति अली मोहम्मद माग्रे की एकल पीठ ने रजिस्ट्रार को 10 दिनों के भीतर जांच पूरी करने और बंदी की उम्र का पता लगाने के लिए कहा है।

बता दें दोनों आदेश उस समय आए है जब 20 सितंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश राजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल को बच्चों की कथित हिरासत को उजागर करने वाली याचिका पर सात दिनों के भीतर रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया था। 

एससी पीठ ने निर्देश दिया था कि हम जम्मू-कश्मीर के हाईकोर्ट की किशोर न्याय समिति को निर्देश देते हैं कि वह रिट पिटीशन में तथ्यों केबारे में बताए और एक सप्ताह के भीतर कोर्ट को अवगत कराए।

16 वर्षीय नाबालिग के मामले में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को उसके बहनोई द्वारा दायर किया गया था, जिसने 10 अगस्त को श्रीनगर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा पारित पीएसए के तहत की गई कार्रवाई को चुनौती दी थी। उसने मांग की थी कि नाबालिग को एक किशोर जुवेनाइल ऑब्जर्वेशन होम में रखा जाए। 

Web Title: two minors detained under PSA says Relatives, Jammu Kashmir High Court ask for probe and reply

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