सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर गलत सूचना डालने वाले दो पूर्व कर्मचारी गिरफ्तार

By भाषा | Published: April 9, 2019 02:15 AM2019-04-09T02:15:29+5:302019-04-09T02:15:29+5:30

वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है। सूत्रों के अनुसार आरोपियों--मानव शर्मा और तपन कुमार चक्रवर्ती को रविवार को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने दोनों को बर्खास्त कर दिया था।

Two former employees arrested for mis-reporting on Supreme Court website | सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर गलत सूचना डालने वाले दो पूर्व कर्मचारी गिरफ्तार

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर गलत सूचना डालने वाले दो पूर्व कर्मचारी गिरफ्तार

रिलायंस कम्युनिकेशंस के अध्यक्ष अनिल अंबानी से जुड़े एक मामले में उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर कथित रूप से गलत सूचना डालने के आरोप में उसके दो पूर्व कर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि दोनों ने वेबसाइट पर कथित रूप से एक आदेश अपलोड किया जिसके अनुसार इस मामले में अंबानी को उपस्थिति से छूट दी गयी है जबकि अदालत ने आदेश दिया था कि अगली सुनवाई के दौरान वह मौजूद रहें।

वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है। सूत्रों के अनुसार आरोपियों--मानव शर्मा और तपन कुमार चक्रवर्ती को रविवार को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने दोनों को बर्खास्त कर दिया था। दोनों को सोमवार को पटियाला हाऊस अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। शर्मा और चक्रवर्ती कोर्ट मास्टर हैं। शर्मा की उम्र 40 के आसपास है जबकि चक्रवर्ती अगले वर्ष सेवानिवृत होने वाला था।

सूत्रों के अनुसार उच्चतम न्यायालय के अवर पंजीयक की ओर से शिकायत मिलने के बाद एक मार्च को धोखाधड़ी एवं फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज किया गया था। दोनों से पूछताछ की जा रही है। उच्चतम न्यायालय ने अदालत की अवमानना मामले में रिलायंस कम्युनिकेशंस के अध्यक्ष अनिल अंबानी की पेशी के मुद्दे पर उसके सात जनवरी के आदेश के साथ छेड़छाड़ करने को लेकर इन दोनों अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया था। न्यायमूर्ति गगोई ने इन दोनों अधिकारियों को बर्खास्त करने का आदेश दिया जो न्यायाधीशों के आदेश लिखने और उसे शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर डालने के लिए जिम्मेदार थे।

न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की अगुवाई वाली पीठ एरिक्सन कंपनी की बकाया राशि का भुगतान नहीं के मामले में अनिल अंबानी और अन्य के खिलाफ अवमानना कार्यवाही के तीन आवेदनों पर सुनवाई कर रही थी। न्यायमूर्ति नरीमन ने प्रधान न्यायाधीश के पास शिकायत भेजी थी कि अवमाननाकर्ता की पेशी के मामले में आदेश उपयुक्त रूप में नहीं है। आदेश में कहा गया था कि कथित अवमाननाकर्ता को पेशी से छूट नहीं दी गयी है जिसमें ‘नहीं’ शब्द गायब पाया गया। एरिक्सन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने 10 जनवरी को यह विसंगति पीठ के संज्ञान में लायी थी।

Web Title: Two former employees arrested for mis-reporting on Supreme Court website

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