अखिलेश को एक दिन में दो बड़े झटके, सपा विधायक दारा सिंह चौहान ने छोड़ा सपा का साथ, आजम खान को दो साल की हुई सजा
By राजेंद्र कुमार | Published: July 15, 2023 06:01 PM2023-07-15T18:01:20+5:302023-07-15T18:02:38+5:30
हेट स्पीच मामले में आजम खान को दो साल की सजा और सपा के विधायक दारा सिंह चौहान ने विधानसभा से इस्तीफा देकर अखिलेश यादव की चिंता बढ़ा दी है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव के लिए 15 जुलाई का दिन अच्छा नहीं रहा. भले ही इस दिन वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्किल इंडिया योजना की शुरुआत कर इस दिन को इतिहास में दर्ज कराया था, लेकिन शनिवार यानी 15 जुलाई को सपा के विधायक दारा सिंह चौहान ने विधानसभा से इस्तीफा देकर अखिलेश यादव की चिंता में इजाफा किया है।
वहीं शनिवार को पार्टी के सीनियर नेता आजम खान को हेट स्पीच के मामले में कोर्ट से सुनाई गई दो साल की सजा से भी अखिलेश यादव को झटका लगा है। दारा सिंह चौहान का सपा ने नाता तोड़ना अखिलेश के लिए बड़ा झटका है और यह इस्तीफा आगामी लोकसभा चुनाव से पहले यूपी की राजनीति में हो रहे बदलाव की राह मुश्किल कर सकता है।
चर्चा है कि पूर्वांचल के चर्चित नेता दारा सिंह चौहान जल्दी भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे और भाजपा उन्हे घोषी से लोकसभा चुनाव लड़ाएगी। फिलहाल दारा सिंह चौहान ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे को सौंप दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफा देने की कोई वजह नहीं बताई है, सिर्फ इतना ही लिखा है कि मैं मऊ विधानसभा सीट के सदस्यता से अपना त्यागपत्र देता हूँ।
इसके साथ ही उन्होंने सपा की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। दारा सिंह चौहान पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की योगी सरकार में मंत्री थे। विधानसभा चुनाव के पहले वह भाजपा से नाता तोड़कर सपा में शामिल हो गए थे। सपा में शामिल होने के बाद वह भाजपा के खिलाफ लगातार मुखर रहे थे।
कई बार दारा सिंह चौहान ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए यह कहा था कि साल 2017 में भाजपा की सरकार आने के बाद सबका साथ, सबका विकास का नारा दिया गया, परंतु भाजपा ने साथ तो सबको ले लिया लेकिन विकास कुछ ही लोगों का किया। उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य में सिर्फ चंद लोगों का ही विकास हुआ है।
पूर्वांचल के बड़े नेता हैं दारा सिंह चौहान
भाजपा पर ऐसे आरोप लगाने वाले दारा सिंह यूपी में पूर्वांचल क्षेत्र के कद्दावर नेता हैं। उनका राजनीतिक सफर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से शुरू हुआ था। वह वर्ष 1996 में राज्यसभा के सांसद बने। उन्होंने घोसी लोकसभा सीट से वर्ष 2009 में चुनाव लड़ा और जीते। वर्ष 2015 में उन्होंने बसपा से नाता तोड़कर भाजपा ज्वॉइन कर ली। वर्ष 2017 में उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा और योगी सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री बन गए।
फिर वर्ष 2022 में वह सपा में शामिल हो गए और आज सपा से भी दूरी बना ली। अब उनके भाजपा में शामिल होने का इंतजार है। चर्चा है कि भाजपा में शामिल होने के लिए ही उन्होने सपा से नाता तोड़ा है और भाजपा उन्हे मऊ या फिर उसके आसपास की लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाएगी।
हेट स्पीच में आजम खान को दो साल की हुई सजा
वहीं हेट स्पीच मामले में सपा नेता आजम खान को रामपुर की कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आजम पर एक हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। आजम खान के खिलाफ साल 2019 में भड़काऊ भाषण देने का मुकदमा रामपुर के शहज़ादनगर थाने में दर्ज हुआ था। तब आजम सपा-बसपा के गठबंधन से लोकसभा प्रत्याशी थे।
चुनाव प्रचार के दौरान आजम खान ने अपने एक जनसभा में मुख्यमंत्री और तत्कालीन जिलाधिकारी समेत कई अफसरों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इससे पहले वर्ष 2022 में रामपुर की एमपी - एमएलए कोर्ट ने ही आजम को तीन साल की कैद और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। अब फिर आजम खान को सजा सुनाई गई है और अखिलेश यादव के लिए यह एक बड़ा झटका है।