ट्विटर पर पाक यूजर्स का दावा-रावलपिंडी अस्पताल ब्लास्ट में आतंकी मसूह अजहर हुआ बुरी तरह जख्मी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 24, 2019 03:21 PM2019-06-24T15:21:31+5:302019-06-24T15:21:31+5:30

मसूद अजहर को पिछले महीने ही संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकी घोषित किया था। पाकिस्तान के एक ट्विवटर यूजर अहसान उल्ला मिखाइल नाम ने एक वीडियो शेयर कर दावा किया है कि अस्पताल में हुए ब्लास्ट में आतंकी अजहर भी जख्मी हुआ है।

Twitterati claim JeM chief Masood Azhar among 10 injured in Pakistan rawalpindi blast | ट्विटर पर पाक यूजर्स का दावा-रावलपिंडी अस्पताल ब्लास्ट में आतंकी मसूह अजहर हुआ बुरी तरह जख्मी

। भारत सरकार के हाथों से छूटने के बाद अजहर ने साल 2000 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया था।

Highlightsमसूद अजहर को पिछले महीने ही संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकी घोषित किया था।पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में 1968 में जन्मे मसूद अजहर के पिता एक सरकारी स्कूल के हैडमास्टर थे

पाकिस्तान में वैश्विक आतंकी और पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर सहित 10 लोगों के घायल होने की खबर आ रही है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार पाकिस्तान के ट्विटर यूजर्स का दावा है कि रविवार को रावलपिंडी के मिलिट्री में  रॉकेट ब्लास्ट में मसूज अजहर बुरी तरह जख्मी हुआ है। हालांकि अभी तक इस बात कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। 

मसूद अजहर को पिछले महीने ही संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकी घोषित किया था। पाकिस्तान के एक ट्विवटर यूजर अहसान उल्ला मिखाइल नाम ने एक वीडियो शेयर कर दावा किया है कि अस्पताल में हुए ब्लास्ट में आतंकी अजहर भी जख्मी हुआ है। मिखाइल का दावा है कि इसी कारण से पाकिस्तानी मीडिया को भी इस ब्लास्ट की कवरेज से रोका गया। 



 

25 साल से आतंक का चेहरा

तकरीबन 25 बरस पहले नकली पासपोर्ट के सहारे ढाका से दिल्ली आए मसूद अजहर के साथ आतंक और दहशत का एक पूरा कारवां चलता है। उसने कश्मीरी युवकों को आतंक और जिहाद का पाठ पढ़ाया और भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला। कुछ ही समय में अजहर की गतिविधियां अधिकारियों की नजर में आने लगीं और उसे अनंतनाग से गिरफ्तार कर लिया गया। अजहर का कहना था कि भारत की कोई भी जेल उसे ज्यादा दिन तक रोक कर नहीं रख पाएगी। 

उसके दहशतगर्द साथियों ने उसे जेल से छुड़वाने के लिए कई बड़ी आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया। गिरफ्तारी के कुछ ही महीने के भीतर विदेशियों को बंधक बनाया गया और उनकी रिहाई के बदले में अजहर को छोड़ने की मांग की गई। यह जुगत काम नहीं आई तो सुरंग बनाकर अजहर को जेल से भगाने की कोशिश की गई, लेकिन यह चाल भी कामयाब नहीं हुई तो दिसंबर 1999 में एक खतरनाक साजिश को अंजाम दिया गया। 

चरमपंथियों ने इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 का अपहरण किया और उसे अमृतसर, लाहौर और दुबई होते हुए अफगानिस्तान में कंधार ले गए। अपहरणकर्ताओं ने विमान में सवार करीब 180 लोगों को बंधक बनाया और मसूद अजहर सहित तीन कुख्यात आतंकियों की रिहाई की मांग की। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली तत्कालीन भारत सरकार ने सात दिन तक इस मसले का सुलझाने का हरसंभव प्रयास किया, लेकिन जब कोई हल नहीं निकला तो अंतत: मसूद अजहर को छोड़ने का मुश्किल फैसला किया गया। 

भारत पिछले 10 बरस से मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करवाने के लिए प्रयासरत था। 2009 में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के बाद भारत ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ये प्रस्ताव पेश किया था। पठानकोट के वायु सैनिक ठिकाने पर हमले के बाद 2016 में भारत ने फिर प्रस्ताव पेश किया और अमेरिका, ब्रिटेन एवं फ्रांस के सहयोग के बावजूद सफलता नहीं मिल पाई।

2017 में जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना के शिविर पर हमले के बाद भारत फिर यह प्रस्ताव लाया, लेकिन एक बार फिर चीन ढाल बनकर खड़ा हो गया। पुलवामा हमले के बाद इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों में और तेजी आई और आखिरकार चीन भी इस मुहिम में शामिल होने के लिए तैयार हो गया। मई 2019 में उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया गया।

शिक्षक का बेटा है अजहर

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में 1968 में जन्मे मसूद अजहर के पिता एक सरकारी स्कूल के हैडमास्टर थे और उनका परिवार डेयरी उत्पाद का कारोबार भी करता था। अज़हर बानुरी नगर, कराची स्थित जामिया उलूम उल इस्लामिया मदरसे से शिक्षा प्राप्त करने के दौरान हरकत-उल-अंसार के संपर्क में आया। जल्द ही उसे उर्दू भाषा की पत्रिका साद-ए-मुजाहिद्दीन और अरबी भाषा की सावत-ए-कश्मीर का संपादक बना दिया गया। 

बाद में वह हरकत-उल-अंसार में ऊंचे ओहदे तक पहुंचा और वृहद् इस्लामी गणराज्य के प्रचार प्रसार के लिए कई देशों की यात्रा की। इस दौरान कश्मीर में आतंकवाद की आग धधकने लगी और इस कार्य में लगे कुछ संगठनों के आपसी विवाद सुलझाने अजहर यहां चला आया। भारत सरकार के हाथों से छूटने के बाद अजहर ने साल 2000 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया और 2001 में भारतीय संसद पर हमला करके बड़ी बेशर्मी से उसकी जिम्मेदारी ली। मसूद अजहर को छोड़ना भारत सरकार की मजबूरी थी, लेकिन अगर चीन ने इसे अन्तरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करवाने में देर न की होती तो भारत को शायद आतंक के इतने जख्म न झेलने पड़ते। 

Web Title: Twitterati claim JeM chief Masood Azhar among 10 injured in Pakistan rawalpindi blast

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