सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता: केरल उच्च न्यायालय ने प्राचीन वस्तुओं के डीलर मवुनकल के मामले में कहा

By भाषा | Updated: November 11, 2021 16:38 IST2021-11-11T16:38:31+5:302021-11-11T16:38:31+5:30

Truth cannot be suppressed: Kerala High Court in case of antiques dealer Mavunkal | सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता: केरल उच्च न्यायालय ने प्राचीन वस्तुओं के डीलर मवुनकल के मामले में कहा

सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता: केरल उच्च न्यायालय ने प्राचीन वस्तुओं के डीलर मवुनकल के मामले में कहा

कोच्चि(केरल),11 नवंबर केरल उच्च न्यायाल ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार से कहा कि बप्राचीन वस्तुओं के स्वयंभू डीलर मॉनसन मवुनकल की गतिविधियों के मामले की जांच में उसके वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कथित संपर्कों की सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता।

न्यायमूर्ति दीवान रामचंद्रन ने कहा कि सच्चाई को किसी तरह दबाया नहीं जाए और उसके लिए अदालत जांच पर नजर रख रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक उपयुक्त जांच चाहता हूं।’’

अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया नजरों से देखी गई चीज से कुछ अधिक प्रतीत होता है और चूंकि जांच जारी है, इसलिए ऐसे में यह सवाल भी है कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ आरोप होने की वजह से क्या राज्य के बाहर की एजेंसियों को भी जांच में शामिल किया जाए। खबरों के मुताबिक इनमें से एक अधिकारी को निलंबित किया जा चुका है।

अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को भी इस मामले में एक पक्षकार बनाने का निर्देश दिया।

राज्य और पुलिस की ओर से अदालत में पेश हुए अभियोजन महानिदेशक ने कहा कि उन्हें किसी अधिकारी के निलंबित होने की कोई सूचना नहीं मिली है लेकिन उन्होंने खबरों में देखा है कि पुलिस महानिरीक्षक जी लक्ष्मण को मवुनकल की कथित सहायता करने को लेकर निलंबित कर दिया गया है।

अदालत प्राचीन वस्तुओं के डीलर के पूर्व चालक सह मैकेनिक की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसने अपने पूर्व नियोक्ता और उसके करीबी पुलिस अधिकारियों पर उसे प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।

उसने आरोप लगाया है कि मवुनकल के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में पुलिस के पास उसके द्वारा कुछ खुलाा किये जाने के बाद उसे प्रताड़ित किया गया था।

अदालत ने सुनवाई के दौरान राज्य पुलिस से सवाल किया कि मवुनकल के खिलाफ प्राचीन वस्तुएं एवं कला संपत्ति अधिनियम,1972 के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की जाए।

न्यायमूर्ति दीवान रामचंद्रन ने पुलिस से कहा, ‘‘उसे (मवुनकल को) इस पूरी अवधि के दौरान खुला घूमने दिया गया और अब आपके पास उसके खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत मामले और बलात्कार के मामले हैं। ’’

बहरहाल, अदालत ने विषय की अगली सुनवाई 19 नवंबर के लिए सूचीबद्ध करते हुए इस बीच याचिकाकर्ता को प्रवर्तन निदेशालय को पक्षकार बनाने और अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

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Web Title: Truth cannot be suppressed: Kerala High Court in case of antiques dealer Mavunkal

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