स्त्री है या पुरुष इसकी पहचान के लिए पुलिस ने उतरवाए किन्नरों के कपड़े, शिकायत दर्ज कराते हुए न्याय की मांग की

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 12, 2022 11:03 AM2022-01-12T11:03:51+5:302022-01-12T11:14:02+5:30

न्याय की मांग करते हुए चार ट्रांसजेंडरों ने अपनी शिकायत में कहा है कि थाने में हमें पुलिस ने अपने कपड़े खोलने और अपने स्त्री या पुरुष होने का खुलासा करने के लिए कहा। सबसे शर्मनाक बात यह रही कि पुलिस ने हमारे विग और अंदरूनी कपड़े थाने में रख लिए।

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स्त्री है या पुरुष इसकी पहचान के लिए पुलिस ने उतरवाए किन्नरों के कपड़े, शिकायत दर्ज कराते हुए न्याय की मांग की

Highlightsचार ट्रांसजेंडरों के स्त्री या पुरुष होने की पहचान करने के लिए पुलिस स्टेशन में ही उनके कपड़े उतरवा दिए गए।उनसे यह लिखित में लिया गया कि वे कभी भी गलत कपड़े नहीं पहनेंगे।उन्होंने दावा किया कि उनके निजता के अधिकार का उल्लंघन किया गया है।

अगरतला:त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में गिरफ्तार किए गए चार ट्रांसजेंडरों के स्त्री या पुरुष होने की पहचान करने के लिए पुलिस ने पुलिस स्टेशन में ही उनके कपड़े उतरवा दिए। उनमें से एक ट्रांसजेंडर ने अपनी शिकायत में यह आरोप लगाया है।

शिकायत में कहा गया है कि इसके साथ ही उनसे यह लिखित में लिया गया कि वे कभी भी गलत कपड़े नहीं पहनेंगे और अगर शहर में दोबारा उन्हें ऐसे कपड़ों में पाया गया तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

यह मामला शनिवार रात का है जब चारों एक पार्टी से आने के बाद एक होटल में गए थे। पुलिस स्टेशन में छुटने के बाद सोमवार को उनमें से एक ने यह शिकायत दर्ज कराई।

शिकायत के अनुसार, चार लोगों पर उगाही का आरोप लगाया गया और उन्हें पश्चिमी अगरतला के महिला पुलिस थाने ले जाया गया और वहां उपस्थित पुरुष और महिला दोनों पुलिस अधिकारियों ने उनके कपड़े उतारे।

न्याय की मांग करते हुए शिकायत में कहा गया कि थाने में हमें पुलिस ने अपने कपड़े खोलने और अपने स्त्री या पुरुष होने का खुलासा करने के लिए कहा। सबसे शर्मनाक बात यह रही कि पुलिस ने हमारे विग और अंदरूनी कपड़े थाने में रख लिए। शिकायत में कहा गया है कि उन पर बिना किसी सबूत के जबरन वसूली का आरोप लगाया गया है. यह पूरी तरह से झूठा आरोप है।

एलजीबीटी समुदाय के चारों सदस्यों ने दावा किया कि उनके निजता के अधिकार का उल्लंघन किया गया है और साथ ही सुप्रीम कोर्ट के राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के फैसले की धारा 377 द्वारा प्रदान किए गए अधिकारों का भी उल्लंघन किया गया है।

बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ट्रांसजेंडर लोगों को 'थर्ड जेंडर' घोषित किया था और यह साफ किया था कि संविधान के तहत दिए गए मौलिक अधिकार उन पर समान रूप से लागू होंगे और उन्हें पुरुष, महिला या 'थर्ड जेंडर' के रूप में अपने लिंग की आत्म-पहचान का अधिकार दिया था।

शिकायत में उन्होंने एक फोटो पत्रकार पर उनके साथ अभद्र व्यवहार करने और पुलिस अधिकारियों के सामने गलत तरीके से छूने का आरोप लगाया है।

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