त्रिपुरा: शपथ लेकर दूसरी बार सीएम बने भाजपा नेता माणिक साहा, पीएम मोदी समेत अमित शाह और जेपी नड्डा भी हुए समारोह में शामिल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 8, 2023 11:48 AM2023-03-08T11:48:46+5:302023-03-08T12:24:08+5:30
आपको बता दें कि साठ सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में भाजपा ने 32 सीट पर जीत दर्ज की है, जबकि इसकी सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) को एक सीट मिली है।

फोटो सोर्स: ANI
अगरतला: भाजपा नेता माणिक साहा ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ले लिया है। वे शपथ लेकर दूसरी बार त्रिपुरा के सीएम बने है। ऐसे में उनके शपथ समारोह के दौरान पीएम मोदी भी वहां मौजूद थे। यही नहीं इस समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जे.पी.नड्डा भी शामिल हुए है और वे पहले ही त्रिपुरा पहुंच गए थे।
आपको बता दें कि साठ सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में भाजपा ने 32 सीट पर जीत दर्ज की है, जबकि इसकी सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) को एक सीट मिली है।
भाजपा के 8 और सहयोगी दल के 1 सदस्य मंत्रिमंडल में हुए शामिल
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता माणिक साहा ने बुधवार को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने रतनलाल नाथ, प्राणजीत सिंघा रॉय, सांतना चकमा, टिंकू रॉय और बिकाश देबबर्मा सहित आठ और मंत्रियों को भी शपथ दिलाई।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ-साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा भी शामिल थे। कुल मिलाकर, भाजपा के आठ और उसके सहयोगी दल आईपीएफटी के एक सदस्य को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।
इनमें से पांच नए चेहरे हैं, जबकि पहले के मंत्रिमंडल में शामिल रहे चार मंत्रियों को भी नये मंत्रिमंडल में जगह मिली है। साठ सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में भाजपा ने 32 सीट पर जीत दर्ज की है, जबकि इसकी सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) को एक सीट मिली है।
BJP';s Prof.(Dr.) Manik Saha takes oath as the Chief Minister of Tripura, in Agartala
— ANI (@ANI) March 8, 2023
(Pic: DD) pic.twitter.com/g4zwBfbkWj
बीते तीन दशकों में पहली बार त्रिपुरा में किसी गैर वाम सरकार की सत्ता में हुई है वापसी- भाजपा
इस पर भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘‘यह पहली बार है कि किसी भी वामपंथी विरोधी सरकार ने पिछले तीन दशकों में त्रिपुरा में अपनी सत्ता बरकरार रखी है। हमें उम्मीद है कि त्रिपुरा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी।’’
वर्ष 1988 में कांग्रेस-टीयूजेएस ने वाम दल को परास्त करके त्रिपुरा में सरकार बनाई थी, लेकिन यह गठबंधन वर्ष 1993 में वाम दल से हार गया। इस बीच वाममोर्चा के एक वरिष्ठ नेता रखाल मजुमदार ने बताया कि विपक्षी दलों मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस ने राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा के विरोध में भाजपा-आईपीएफटी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है।