तीन तलाक विधेयक को पारित कराने के लिए मोदी सरकार कर रही है इन विकल्पों पर विचार
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: January 11, 2018 09:45 AM2018-01-11T09:45:55+5:302018-01-11T09:48:36+5:30
तलाक-ए-बिद्दत को आपराधिक बनाने वाला विधेयक शीतकालीन सत्र में राज्य सभा में नहीं पारित हो सका था।
नरेंद्र मोदी सरकार तीन तलाक विधेयक के राज्य सभा में न पारित होने के बाद अध्यादेश द्वारा इसे लागू कर सकती है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि सरकार तलाक-ए-बिद्दत को आपराधिक घोषित करने के वाले विधेयक का लागू करने के लिए इस विकल्प पर विचार कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार नरेंद्र मोदी सरकार तलाक-ए-बिद्दत (एक बार में तीन तलाक) विधेयक को लागू करने के लिए सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार अध्यादेश के अलावा संसद के बज़ट सत्र के दौरान दोनों सदनों (राज्य सभा और लोक सभा) का संयुक्त अधिवेशन बुलाने पर भी विचार कर रही है।
28 दिसंबर को लोक सभा में मुस्लिम महिला विवाह (अधिकार एवं संरक्षण) विधयेक 2017 पास हो चुका है। हालांकि राज्य सभा में बीजेपी गठबंधन के अल्पमत में होने के कारण ये विधेयक नहीं पारित हो सका। कांग्रेस, बीजद, राजद, टीएमसी जैसे दल इसके खिलाफ थे। कांग्रेस के अनुसार वो विधेयक में तीन तलाक को आपराधिक बनाए जाने के खिलाफ है। कांग्रेस ने कहा कि अन्यथा वो तीन तलाक पर विधेयक के समर्थन में है। कांग्रेस की मांग थी कि तीन तलाक विधेयक को संसद की सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए।