तृणमूल सांसद लुइजिन्हो फलेरियो ने राज्यसभा से दिया इस्तीफा, ममता से नाराज जल्द ही पार्टी से भी करेंगे किनारा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 11, 2023 07:47 PM2023-04-11T19:47:11+5:302023-04-11T19:53:21+5:30
गोवा से तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लुइजिन्हो फलेरियो ने राज्यसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। 71 साल के फलेरियो ने मंगलवार को उपरी सदन का इस्तीफा पत्र सभापति जगदीप धनखड़ को सौंपा।
दिल्ली: तृणमूल नेता लुइजिन्हो फलेरियो ने राज्यसभा से त्यागपत्र दे दिया है। 71 साल के फलेरियो ने मंगलवार को उपरी सदन का इस्तीफा पत्र सभापति जगदीप धनखड़ को सौंपा। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री रहे लुइजिन्हो फलेरियो ने राज्यसभा से इस्तीफा देते हुए कहा कि वह गोवा के हित में फिर से पैदल सैनिक के तौर पर काम करना चाहते हैं। इसलिए वो तृणमूल द्वारा दी गई राज्यसभा सांसद की जिम्मेदारी से मुक्त हो रहे हैं। इसके साथ ही फलेरियो ने यह भी कहा कि वो राज्यसभा की तरह जल्द ही तृणमूल से भी मुक्त हो जाएंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें लंबे समय से गोवा में तृणमूल मामलों से दूर रखा जा रहा था और शायद तृणमूल नेतृत्व भी चाहता था कि वो राज्यसभा से इस्तीफा दे दें। इस मामले में तृणमूल सूत्रों ने बताया कि फलेरियो को कुछ महीने पहले पार्टी की ओर से कह दिया गया था कि वो राज्यसभा से इस्तीफा दे दें, लेकिन उस वक्त उन्होंने इसके लिए कुछ समय मांगा था।
फलेरियो ने सभापति जगदीप धनखड़को लिखे अपने दो पन्नों के त्यागपत्र में कहा कि उन्होंने गोवा के सांसद लेकिन गोवा से सांसद नहीं होने की चुनौती के कारण निराशा का सामना करना पड़ा।
तृणमूल सांसद शांतनु सेन ने कहा, ''पार्टी लुइजिन्हो फलेरियो के अच्छे स्वास्थ्य और खुशी की कामना करती है। पार्टी ने उनसे अपनी राज्यसभा सीट से इस्तीफा देने को कहा था और यह अच्छा है कि उन्होंने पार्टी के फैसले का सम्मान किया।''
इसके साथ ही सांसद शांतनु ने यह भी कहा कि लुइजिन्हो फलेरियो का राज्यसभा से त्यागपत्र स्वीकार होके ही पार्टी इस सीट के लिए नए उम्मीदवार के नाम की घोषणा करेगी। जब उनसे यह पूछा गया कि तृणमूल ने लुइजिन्हो फलेरियो को इस्तीफा देने के लिए क्यों कहा। इसके जवाब में सेन ने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार करते हुए बस इतना कहा कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है।
वहीं तृणमूल सूत्रों की मानें तो ममता बनर्जी 2022 के विधानसभा चुनाव में गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई के खिलाफ फतोर्दा विधानसभा सीट से लुइजिन्हो फलेरियो के चुनाव लड़ने से मना करने के बाद से नाराज चल रही थीं।
ममता बनर्जी ने 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले गोवा में तृणमूल के पैर जमाने के लिए तत्कालीन राज्यसभा सांसद अर्पिता घोष को इस्तीफा दिलवाकर 2021 में फलेरियो को उच्च सदन में भेज दिया था। जबकि अर्पिता घोष का कार्यकाल 2026 तक था। लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल गोवा की 40 सीट में एक भी जीतने में कामयाब नहीं हुई थी।