नागपुर (महाराष्ट्र), तीन नवंबर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली और मेलघाट के दूरदराज गांवों के आदिवासी विद्यार्थियों ने हाल में हुई राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) 2021 उत्तीर्ण की है और जल्द ही वे मेडिकल में स्नातक पाठ्यक्रमों की अपनी पढ़ाई शुरू करेंगे।
गढ़चिरौली के भामरागढ़ तालुका के नगरगुंडा गांव के निवासी सूरज पुनगति (19) नीट परीक्षा में 720 में से 378 अंक हासिल कर काफी खुश हैं, जो उनकी उम्मीद से काफी अधिक है।
पुनगति ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में दावा किया कि मेडिकल कॉलेज में दाखिला पाने वाले वह अपनी तालुका के पहले विद्यार्थी हैं।
पुनगति एक किसान के बेटे हैं। उन्होंने कहा कि गांव में 60 परिवार हैं और वह पहले छात्र थे, जिसने विज्ञान (स्ट्रीम) की पढ़ाई की और वह अब मेडिकल की पढ़ाई करने को लेकर खुश हैं।
राज्य के कमजोर आदिवासी समूह ‘मारिया गोंड’ से नाता रखने वाले पुनगति की मां का देहांत चार वर्ष पहले हो गया था और उनका छोटा भाई 10वीं कक्षा का छात्र है। पुनगति, नागपुर के एक स्कूल में पढ़ाई करते हैं और उनके 10वीं में 92 प्रतिशत अंक आए थे और उसके बाद ही उन्होंने चिकित्सक बनने की ठानी।
अमरावती जिले के मेलघाट क्षेत्र के डहरनी तालुका के घोटा नाम के एक छोटे से गांव के एक अत्यंत गरीब किसान के बेटे सावन शिलास्कर (21) ने नीट की परीक्षा में 720 में से 294 अंक प्राप्त किए हैं।
अपने सीमित संसाधनों के कारण दोनों विद्यार्थियों के लिए सफर कठिन था, लेकिन उनकी उम्मीदें उस वक्ती जागीं जब उन्हें पुणे में एमबीबीएस के छात्रों और चिकित्सकों के एक गैर सरकारी संगठन ‘लिफ्ट फॉर अपलिफ्टमेंट’ (एलएफयू) के माध्यम से मुफ्त कोचिंग कक्षाएं मुहैया कराने के बारे में पता चला।
एलएफयू के सह-संस्थापक डॉ. केतन देशमुख ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनका संगठन उन वंचित छात्रों की मदद करता हैं, जो आर्थिक तंगी के कारण निजी कोचिंग नहीं ले पाते।
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