आदिवासी नेता बाला बच्चन मध्य प्रदेश और बालासाहेब थोराट महाराष्ट्र कांग्रेस के नए अध्यक्ष हो सकते हैं?
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 2, 2019 08:01 PM2019-07-02T20:01:53+5:302019-07-02T20:01:53+5:30
छत्तीसगढ़ में हाल ही में आदिवासी नेता मोहन मरकाम को कांग्रेस अध्यक्ष बनाये जाने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के करीबी, प्रदेश के गृह मंत्री एवं आदिवासी नेता बाला बच्चन को मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के लिए एड़ी-चोटी की ताकत लगा रहे हैं।
कांग्रेस आलाकमान मध्य प्रदेश में किसी आदिवासी नेता को कांग्रेस अध्यक्ष बना सकती है। पिछले साल हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में आदिवासी आरक्षित सीटों में कांग्रेस को मिली अच्छी सफलता के बाद कांग्रेस के विभिन्न गुट अपने-अपने गुट के आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए जोर लगा रहे हैं।
कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में हाल ही में आदिवासी नेता मोहन मरकाम को कांग्रेस अध्यक्ष बनाये जाने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के करीबी, प्रदेश के गृह मंत्री एवं आदिवासी नेता बाला बच्चन को मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के लिए एड़ी-चोटी की ताकत लगा रहे हैं।
वहीं, कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व वाला कांग्रेस का दूसरा गुट प्रदेश के वन मंत्री एवं आदिवासी नेता उमंग सिंघार को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए भरसक प्रयास करने में लगे हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि हालांकि, सिंघार को पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के गुट के नेता किसी भी सूरत में प्रदेश अध्यक्ष पद पर नहीं देखना चाहते हैं, क्योंकि दिग्विजय उसे प्रदेश अध्यक्ष बनाने के खिलाफ हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से आदिवासियों के लिए 47 सीटें आरक्षित हैं, जिनमें से कांग्रेस ने पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में 30 सीटें जीतीं थी।
बालासाहेब थोराट बनेंगे महाराष्ट्र कांग्रेस के नए अध्यक्ष ?
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता बालासाहेब थोराट, अशोक चव्हाण की जगह महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष बनने वाले हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को यह जानकारी दी। चव्हाण ने लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में कांग्रेस के बदतर प्रदर्शन के बाद पार्टी नेतृत्व को अपना इस्तीफा सौंपा था।
राज्य में पार्टी को महज एक सीट मिली थी। चव्हाण खुद नांदेड़ से हार गए थे। वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘पार्टी थोराट के साथ अलग-अलग समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले तीन कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति कर सकती है। हम समावेशी का संदेश देना चाहेंगे।’’
उन्होंने कहा कि थोराट की नियुक्ति पर औपचारिक घोषणा जल्द होने की संभावना है । एक समय राज्य में मजबूत स्थिति में रही कांग्रेस के सामने राज्य में पार्टी का फिर से आधार बढाने की चुनौती है। अशोक चव्हाण ने ऐसे वक्त इस्तीफा दिया जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेने की अपील कर चुके हैं। अहमदनगर जिले में संगमनेर से 2009 में विधायक चुने गए थोराट ने संगमनेर में कई सहकारी शिक्षा संस्थानों की शुरुआत की। वह दुग्ध सहकारी आंदोलन में योगदान के लिए भी जाने जाते हैं।