रिक्त पद उपलब्ध नहीं रहने पर किया गया तबादला अवैध, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने दिया आदेश

By भाषा | Published: September 1, 2022 07:50 PM2022-09-01T19:50:55+5:302022-09-01T19:52:19+5:30

हनूर नगर पालिका परिषद के मुख्य अधिकारी मूर्ति हलैया का 23 दिसंबर, 2021 को तबादला कर दिया गया था, लेकिन अगले छह महीने तक उन्हें तैनाती नहीं दी गई।

Transfer illegal due non-availability vacant posts Karnataka High Court ordered | रिक्त पद उपलब्ध नहीं रहने पर किया गया तबादला अवैध, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने दिया आदेश

बिना स्थानांतरण से ऐसा लगेगा कि आपने दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम किया।

Highlightsपरमशिवैया को उस पद पर तैनाती दे दी गई जिस पर तब तक हलैया तैनात थे।20 जुलाई 2022 को उल्लाल नगर पालिका परिषद में तैनाती दे दी गई। बिना स्थानांतरण से ऐसा लगेगा कि आपने दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम किया।

बेंगलुरुः कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक आदेश में कहा कि “रिक्त पद के लिए छोड़कर कोई स्थानांतरण नहीं किया जाना चाहिए” और इसके साथ ही पिछले साल दिसंबर में स्थानांतरित किए गए नगरपालिका के एक अधिकारी को बहाल कर दिया।

हनूर नगर पालिका परिषद के मुख्य अधिकारी मूर्ति हलैया का 23 दिसंबर, 2021 को तबादला कर दिया गया था, लेकिन अगले छह महीने तक उन्हें तैनाती नहीं दी गई। उनके स्थानांतरण के दिन ही हालांकि एक अन्य अधिकारी, परमशिवैया को उस पद पर तैनाती दे दी गई जिस पर तब तक हलैया तैनात थे।

उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। जब मामला लंबित था, उसी दौरान 20 जुलाई 2022 को उन्हें उल्लाल नगर पालिका परिषद में तैनाती दे दी गई। हलैया के वकील पवन चंद्र शेट्टी ने न्यायमूर्ति एस सुनील दत्त यादव के समक्ष तर्क दिया कि 'एम अरुण प्रसाद बनाम आबकारी आयुक्त' मामले में एक खंडपीठ के आदेश के अनुसार, यह कानून में एक स्थापित व्यवस्था है कि तैनाती की जगह दिखाए बिना स्थानांतरण से ऐसा लगेगा कि आपने दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम किया।

पीठ ने इस तर्क को स्वीकार कर लिया और यह भी नोट किया कि हाल ही में एक अन्य मामले, ‘महबूब सब बनाम कर्नाटक राज्य’ में भी यही दोहराया गया था। न्यायमूर्ति यादव ने यह भी कहा कि सरकार ने 2017 में दो परिपत्र जारी किए थे, जिसमें कहा गया था कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी को तैनाती नहीं दी जाती है, तो कारणों को लिखित में दर्ज किया जाना चाहिए।

अदालत ने हलैया के स्थानांतरण आदेश को रद्द कर दिया और उन्हें और परमशिवैया को “आक्षेपित आदेश से पहले की तैनाती में रखने का निर्देश दिया।” अदालत ने राज्य को “अपने परिपत्रों के साथ-साथ उच्च न्यायालय के पहले के पारित निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन” करने का आदेश दिया। 

Web Title: Transfer illegal due non-availability vacant posts Karnataka High Court ordered

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