टूलकिट मामला: उच्च न्यायालय ने जवाब दाखिल नहीं करने पर केंद्र को लगाई फटकार

By भाषा | Updated: May 18, 2021 19:17 IST2021-05-18T19:17:41+5:302021-05-18T19:17:41+5:30

Toolkit Case: High Court reprimands Center for not filing reply | टूलकिट मामला: उच्च न्यायालय ने जवाब दाखिल नहीं करने पर केंद्र को लगाई फटकार

टूलकिट मामला: उच्च न्यायालय ने जवाब दाखिल नहीं करने पर केंद्र को लगाई फटकार

नयी दिल्ली, 18 मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने टूलकिट मामले में आरोपी और पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की याचिका पर जवाब दाखिल नहीं करने पर केंद्र सरकार को मंगलवार को फटकार लगाई।

दिशा रवि ने अपनी याचिका में पुलिस को मामले में दर्ज प्राथमिकी और जांच संबंधी सामग्री मीडिया को कथित तौर पर लीक करने से रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। अदालत ने इस साल 17 मार्च को दिशा रवि की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को आखिरी मौका दिया था।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह केंद्र से कहा, ‘‘केंद्र सरकार के लिए क्या कोई आखिरी मौका नहीं होता? यह बहुत बुरी बात है। मुझे यह समझ नहीं आता कि यदि अदालत कहती है कि यह आखिरी अवसर है, तो इसका क्या अर्थ है?’’

अदालत को यह बताया गया कि केंद्र ने दिशा रवि की याचिका पर अभी तक जवाब दाखिल नहीं किया है, जिसके बाद अदालत ने यह टिप्पणी की।

अदालत जवाब दाखिल नहीं करने के कारण केंद्र पर जुर्माना लगाना चाहती थी। लेकिन केंद्र सरकार के स्थायी वकील अजय दिग्पॉल ने पीठ को बताया कि कोविड-19 के कारण अधिकारी कार्यालय नहीं आ रहे और इसलिए जवाब दाखिल नहीं किया जा सका, तो अदालत ने जुर्माना नहीं लगाया।

इसके बाद अदातल ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का और समय दिया और मामले को अगस्त में आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

उल्लेखनीय है कि किसानों के प्रदर्शनों को लेकर सोशल मीडिया पर जारी टूलकिट में संलिप्तता के आरोप में 13 फरवरी को दिशा रवि को गिरफ्तार किया गया था और निचली अदालत ने 19 फरवरी को उन्हें इस मामले में जमानत दे दी थी।

दिशा रवि ने अपनी याचिका में कहा कि उनकी गिरफ्तारी और मामले में चल रही जांच को लेकर अनुचित तरीके से एवं पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर उनके खिलाफ ‘‘मीडिया ट्रायल’’ किया जा रहा है, जिसमें पक्षकार संख्या एक (पुलिस) और मीडिया संस्थान उन्हें ‘‘अनुचित तरीके से निशाना’’ बना रहे हैं।

उन्होंने दावा किया है कि 13 फरवरी को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ द्वारा बेंगलुरु में उनकी गिरफ्तारी ‘‘पूरी तरह से गैर कानूनी तरीके से और बिना किसी आधार के की गई’’।

दिशा रवि ने याचिका में यह भी कहा, ‘‘मौजूदा परिस्थितियों में यह ‘पूरी संभावना’ है कि आम जनता खबरों के आधार पर याचिकाकर्ता (दिशा रवि) के दोषी होने का निष्कर्ष निकाले।’’

उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने पहले व्हाट्सऐप चैट जैसी जांच सामग्री लीक की, जो केवल जांच एजेंसी के पास थी।

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Web Title: Toolkit Case: High Court reprimands Center for not filing reply

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