'साथ मिलकर दलितों और पिछड़ों की लड़ाई लड़ेंगी' सपा और सुभासपा

By भाषा | Published: October 20, 2021 08:40 PM2021-10-20T20:40:19+5:302021-10-20T20:40:19+5:30

'Together will fight the battle of Dalits and backwards' SP and Subhasp | 'साथ मिलकर दलितों और पिछड़ों की लड़ाई लड़ेंगी' सपा और सुभासपा

'साथ मिलकर दलितों और पिछड़ों की लड़ाई लड़ेंगी' सपा और सुभासपा

लखनऊ, 20 अक्टूबर समाजवादी पार्टी (सपा) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने 'साथ मिलकर दलितों और पिछड़ों की लड़ाई लड़ने' का ऐलान किया है।

सपा ने बुधवार को एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। हालांकि यह स्पष्ट नहीं बताया गया कि दोनों दल उत्तर प्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे या नहीं।

ट्वीट में कहा गया है, ‘‘वंचितों, शोषितों, पिछड़ों, दलितों, महिलाओं, किसानों, नौजवानों, हर कमजोर वर्ग की लड़ाई समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मिलकर लड़ेंगे। सपा और सुभासपा आए साथ, उत्तर प्रदेश में भाजपा साफ।’’

ट्वीट में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर की आज हुई बैठक की एक तस्वीर भी टैग की गई है।

प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू होने के बाद हुई इस बैठक को लेकर तमाम राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।

राज्य विधानसभा में राजभर की पार्टी के चार विधायक हैं और उनके दल का पूर्वांचल के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में दबदबा रखने वाले राजभर मतदाताओं में प्रभाव माना जाता है।

राजभर ने ट्वीट किया, ‘‘अबकी बार, भाजपा साफ़! समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मिलकर आए साथ। दलितों, पिछड़ों अल्पसंख्यकों के साथ सभी वर्गों को धोखा देने वाली भाजपा सरकार के दिन हैं बचे चार। माननीय पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा के सुप्रीमो अखिलेश यादव से शिष्टाचार मुलाकात की।’’

हालांकि राजभर ने भी यह स्पष्ट नहीं किया कि उनकी पार्टी सपा के साथ मिलकर प्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी या नहीं।

हालांकि सुभासपा के नेता अरुण राजभर का कहना है कि उनकी पार्टी सपा के साथ है और सीटों का बंटवारा जल्दी तय किया जाएगा। पार्टी आगामी 27 अक्टूबर को मऊ में एक रैली करेगी। जिसमें स्थिति बिल्कुल साफ हो जाएगी।

सपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव सीट बंटवारे का मसला तय करेंगे, सपा और सुभासपा साथ हैं।

राजभर ने हाल ही में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से मुलाकात की थी जिसके बाद उनकी पार्टी के एक बार फिर भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई थी।

सुभासपा ने 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था। राजभर को प्रदेश की मौजूदा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तनातनी के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने पद से इस्तीफा देते हुए भाजपा से अलग होने का ऐलान कर दिया था।

राजभर ने भागीदारी मोर्चा गठित किया है जिसमें असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम भी शामिल है जो मुसलमानों को प्रतिनिधित्व देने के नाम पर उत्तर प्रदेश की 100 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर चुकी है।

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