प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (तीन फरवरी) को 'एडवांटेज असमः ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट 2018' के उद्घाटन के लिए जब दिल्ली से निकले तो उनका काफिला बगैर किसी रस्मी सुरक्षा इंतजाम के चुपचाप आम लोगों के बीच से गुजर गया। पीएम मोदी के इस फैसले को देश में बीमारी का रूप ले चुके वीआईपी कल्चर के खिलाफ पेश किया गया उदाहरण बताया जा रहा है। कुछ लोग इसे उनकी साहस बता रहे हैं। सोशल मीडिया में उनके सादगी भरे काफिले की तस्वीर भी वायरल करायी जा रही है। लेकिन इसका घटना का दूसरा पहलू लोगों को नहीं दिखाई दे रहा है।
दिल्ली में भले ही पीएम सादे तरीके से बगैर शोरशराबे के निकले हों, उनकी मंजिल असम में उनके पहुंचने से पहले से पूरे प्रदेश में हाई-अलर्ट जारी कर दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिन-जिन जगहों पर जाना है उन जगहों को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक एंटी-टेरर यूनिट ने असम के लोगों को निर्देश दिए थे कि घर से कोई सामग्री लेकर बाहर ना निकलें जिसे आपत्तिजनक की श्रेणी में रखा जा सके। साथ ही बिना पहचान पत्र के बाहर ना निकलने के भी साफ निर्देश थे।
पुलिस पर नहीं भरोसा, 2500 स्वयंसेवक लगे हैं सुरक्षा में
गुवाहाटी के पुलिस कमिश्नर हीरेन नाथ के मुताबिक, 'एक दिन पहले से ही प्रदेश में पुलिसकर्मियों, स्पेशल कमांडो और राष्ट्रीय स्तर के सुरक्षाकर्मी सिविल ड्रेस में पूरे प्रदेश में फैल गए थे। इतना ही नहीं 2500 से ज्यादा स्वयंसेवक सुरक्षा बलों की सहायता के लिए लगाए गए थे। इसमें विरोधियों के तोड़फोड़ आदि की संभावनाओं को लेकर भी विशेष सुरक्षा अपनाई गई है।'
यहां तक कि पीएम जिन कार्यक्रमों में शामिल होंगे उनमें पानी की प्लास्टिक की बोतलें भी प्रतिबंधित थीं। वहां प्रबंधन के लोगों ने खुद पानी की व्यवस्था की है। पीएम के असम के कार्यक्रम को इसी महीने उत्तर पूर्व के तीन राज्यों मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड के विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है।
बहरहाल, प्रधानमंत्री सम्मेलन को संबोधित कर रहे हैं। यह सम्मेलन असम सरकार और फिक्की से सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में 16 देशों के पांच हजार से ज्यादा डेलीगेट्स के आने की उम्मीद है जिनमें भूटान के प्रधानमंत्री समेत नामचीन उद्योगपति भी शामिल होंगे। 'एडवांटेज असमः ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट 2018' का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की प्रबल संभावनाओं पर फोकस करना है। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पीटीआई को बताया कि इस सम्मेलन में 16 देशों के करीब 4,500 डेलीगेट्स पंजीकरण करा चुके हैं। भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोब्गे ने पहले ही कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंच चुके हैं। इसके अलावा मुकेश अंबानी, रतन टाटा जैसे दिग्गज उद्योगपति भी इस सम्मेलन में शामिल होंगे।