कर्नाटक में बाघों की आबादी में वृद्धि हुई, लेकिन 60 से अधिक बाघों का अभयारण्यों के बाहर पाया जाना चिंता का विषय
By अनुभा जैन | Published: July 28, 2023 03:41 PM2023-07-28T15:41:41+5:302023-07-28T15:43:18+5:30
435 बाघों में से 60 से अधिक बाघ अभयारण्यों के बाहर पाए गए, जो वन विभाग के लिए चिंताजनक है। सरकार को वनों की सुरक्षा के लिए कुछ करने की जरूरत है। बेंगलूरु शहर देश की एकमात्र राजधानी हो सकता है जिसके आसपास के क्षेत्र में बाघों की आबादी है।
बेंगलुरु: बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा नेशनल पार्क में पाए गए दो बाघों की वृद्वि के साथ, कर्नाटक राज्य में बाघों की आबादी 2018 में 404 से बढ़कर 2022 में 435 दर्ज की गई है। वन मंत्री ईश्वर बी.खांद्रे ने कर्नाटक में बाघों की न्यूनतम संख्या की पुष्टि करते हुए इन आंकडों की घोषणा की। राज्य के जंगलों के भीतर कैमरा-ट्रैप की दर्ज छवियों के आधार पर यह आंकड़े दर्ज किये गये हैं। लेकिन दूसरी ओर, 435 अद्वितीय बाघों में से 60 से अधिक बाघ अभयारण्यों के बाहर पाए गए, जो वन विभाग के लिए चिंताजनक है। सरकार को वनों की सुरक्षा के लिए कुछ करने की जरूरत है।
अखिल भारतीय बाघ अनुमान (एआईटीई) 2022 की जनगणना के अनुसार, बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान, बेंगलुरु में दो बाघों की सूचना मिली है। इसके कारण बेंगलूरु शहर देश की एकमात्र राजधानी हो सकता है जिसके आसपास के क्षेत्र में बाघों की आबादी है। 2015-16 में, उसके बाद बेंगलुरु के आसपास बाघ देखे जाने की लगभग कोई रिपोर्ट नहीं थी।
मंत्री ने आगे कहा कि 2018 में शुरू में घोषित आंकड़ा 404 था लेकिन अन्य वैज्ञानिक रूप से सिद्ध तरीकों के माध्यम से बाघों की गणना के बाद यह बढ़कर 524 हो गया। इसी फॉर्मूले को लागू करते हुए, 2022 में 435 बाघों की संख्या 600 को पार करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अंतिम अनुमान राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एनटीसीए की रिपोर्ट द्वारा दिया जाएगा, जो 29 मार्च को जारी होने की उम्मीद है।
कर्नाटक वन विभाग ने एनटीसीए के सहयोग से 2022 में सभी पांच बाघ अभयारण्यों (जिनमें से 22 प्रभागों में बाघ की उपस्थिति दिखाई गई है) सहित 31 जिलों के 37 वन प्रभागों में कैमरा ट्रैपिंग के माध्यम से अपना अनुमान अभ्यास आयोजित किया है। 4786 स्थानों पर 66.8 लाख से अधिक कैमरों के जरिये बाघों की तस्वीरें खींची गईं, उसके आधार पर राज्यों में बाघों की न्यूनतम संख्या की गणना की गई है।
यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि अखिल भारतीय बाघ अनुमान (एआईटीई) 2022 की अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार, "पूरे भारत में बाघों की संख्या 3167 है। कर्नाटक, केरल, गोवा और तमिलनाडु सहित पश्चिमी घाट में संख्या कम हो गई है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव ने कहा, “पूरे कर्नाटक में हमारे वैज्ञानिक संरक्षण कार्यक्रम, अवैध गतिविधियों के प्रति शून्य सहिष्णुता, अवैध शिकार विरोधी शिविरों का उन्नयन, निरंतर सतर्कता, लैंटाना खरपतवार को हटाना और अच्छा शिकार घनत्व प्रमुख कारक हैं जिनके माध्यम से वन विभाग यह परिणाम हासिल कर सका है।"