वे दिन गए जब 'गांधी' नाम जीत हासिल करने के लिए पर्याप्त था, त्रिशूर कैथोलिक चर्च ने अपने मुखपत्र में कांग्रेस और राहुल गांधी की खिंचाई की

By अनिल शर्मा | Published: April 13, 2022 11:22 AM2022-04-13T11:22:47+5:302022-04-13T11:26:18+5:30

कैथोलिक सभा ने कहा, "कांग्रेस का अनुमान है कि उसे सत्ता-विरोधी कारक, किसानों के विरोध और उसकी धर्मनिरपेक्षता की वजह से चुनाव में फायदा हो सकता है। लेकिन नेतृत्व की कमी और पार्टी नेताओं के बीच लड़ाई कांग्रेस के हितों को नुकसान पहुंचा रही है।"

Thrissur Catholic Church Slams Congress And Rahul Gandhi in mouthpiece | वे दिन गए जब 'गांधी' नाम जीत हासिल करने के लिए पर्याप्त था, त्रिशूर कैथोलिक चर्च ने अपने मुखपत्र में कांग्रेस और राहुल गांधी की खिंचाई की

वे दिन गए जब 'गांधी' नाम जीत हासिल करने के लिए पर्याप्त था, त्रिशूर कैथोलिक चर्च ने अपने मुखपत्र में कांग्रेस और राहुल गांधी की खिंचाई की

Highlightsत्रिशूर कैथौलिक चर्च ने अपने मुखपत्र 'कैथोलिक सभा' में कांग्रेस और राहुल गांधी पर आलोचनात्म लेख लिखा हैलेख में कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी में गुटीय विवादों की वजह से अपनी विपक्षी पार्टी का दर्जा खो रही है

त्रिशूरः त्रिशूर के महाधर्मप्रांत ने अपने मुखपत्र 'कैथोलिक सभा' में प्रकाशित एक लेख में कांग्रेस पार्टी और उसके नेता राहुल गांधी के तौर-तरीकों और कामकाज की आलोचना की है। लेख में राहुल गांधी को दोहरे मापदंड वाले व्यक्ति के रूप में उल्लेखित किया गया है। इसमें कहा गया है कि राहुल गांधी कहते हैं कि वह अध्यक्ष नहीं बनेंगे लेकिन सभी महत्वपूर्ण निर्णय ले रहे हैं और सबकुछ नियंत्रित कर रहे हैं। यह जनता को स्वीकार्य नहीं है क्योंकि यह दोहरा मापदंड है।

 "क्या कांग्रेस पार्टी खुद को प्रस्तावित राष्ट्रीय विकल्प से दूर कर रही है" शीर्षक से प्रकाशित लेख में कांग्रेस में नेतृत्व की कमी पर प्रकाश डाला गया है। एक तरह से कांग्रेस को आगाह किया गया है। यह तर्क देते हुए कि आम आदमी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय विकल्प के रूप में स्थिति बना रही है। लेख में इसके लिए कांग्रेस में गुटीय कलह को जिम्मेदार बताया गया है। तर्क गया है कि कांग्रेस में गुटीय कलह भाजपा के नए राष्ट्रीय विकल्प के रूप में आप के उभरने का कारण है। यही नहीं इसमें जोर देकर कहा गया है कि  कांग्रेस अपनी विपक्षी पार्टी का दर्जा खो रही है।

कैथोलिक सभा ने कहा, "कांग्रेस का अनुमान है कि उसे सत्ता-विरोधी कारक, किसानों के विरोध और उसकी धर्मनिरपेक्षता की वजह से चुनाव में फायदा हो सकता है। लेकिन नेतृत्व की कमी और पार्टी नेताओं के बीच लड़ाई कांग्रेस के हितों को नुकसान पहुंचा रही है।"

लेख में आगे लिखा है कि 'कांग्रेस (मुद्दों का) कोई समाधान नहीं करते हुए केवल एक दर्शक बनी रही, जबकि भाजपा 'कांग्रेस मुक्त भारत' के अपने एजेंडे के साथ आगे बढ़ी। भले ही प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश चुनावों में प्रयोग किया, लेकिन कांग्रेस तस्वीर (चुनावी लड़ाई) में नहीं थी। चुनाव में कांग्रेस की हार के कारणों को सभी जानते हैं। लेकिन कोई समाधान निकालने को तैयार नहीं है।'

कैथोलिक सभा ने साफतौर पर कहा है कि कांग्रेस नेता आपस में लड़कर 'कांग्रेस मुक्त भारत' के भाजपा के एजेंडे का समर्थन कर रहे थे।लेख में राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष का कार्यभार संभालने के लिए नहीं बल्कि पर्दे के पीछे से संगठन को नियंत्रित करने के लिए राहुल गांधी के 'दोहरे' रुख की आलोचना की गई थी। इसमें कहा गया है, "वे दिन गए जब 'गांधी' नाम जीत हासिल करने के लिए पर्याप्त था"। इसने आगे तर्क दिया कि भारत जल्द ही 'संघ परिवार की ताकतों के हिंदुस्थान' में बदल जाएगा, जिसके परिणाम लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के लिए होंगे।

गौरतलब है कि विभिन्न कैथोलिक सूबा के बीच त्रिशूर कैथोलिक सूबा राज्य में सबसे मजबूत है और हमेशा राजनीतिक रूप से सक्रिय रहा है। यह कांग्रेस के दिवंगत मुख्यमंत्री के. करुणाकरण थे जो इसे अच्छी तरह से प्रबंधित करते थे, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद सूबा की तरफ हर राजनीतिक दलों का झुकाव होता जा रहा है। यही वजह है कि हर दल के नेता इसके मुख्यालय तक जाने के लिए रास्ते बना रहे हैं।

 जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, केरल की 33.4 मिलियन आबादी में ईसाइयों की संख्या 61.41 लाख (29.94 लाख पुरुष और 31.47 लाख महिलाएं) हैं। इसमें कैथोलिकों की संख्या लगभग 50 प्रतिशत है, इसके बाद लगभग एक दर्जन चर्च विभिन्न अधिकारों का पालन करते हैं।

Web Title: Thrissur Catholic Church Slams Congress And Rahul Gandhi in mouthpiece

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