बीजापुर, 19 मई छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक पुलिस शिविर के निकट 17 मई को सुरक्षा बलों से हुई मुठभेड़ में मारे गए तीन लोगों की पहचान भाकपा (माओवाद) के मुखौटा संगठनों के सदस्यों के रूप में हुई है। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में यह कहा।
यह घटना सोमवार दोपहर हुई जब सुकमा और बीजापुर जिलों की सीमा से लगे माओवादियों के गढ़ सिलगर के निकट नव स्थापित शिविर के खिलाफ बड़ी संख्या में ग्रामीण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
ग्रामीणों ने दावा किया था कि सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर एकतरफा गोलीबारी शुरू की, जबकि पुलिस ने कहा था कि नक्सलियों ने प्रदर्शकारियों की भीड़ में घुसकर गोलीबारी की।
पुलिस के अनुसार घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी और पांच लोग घायल हो गए थे।
स्थानीय ग्रामीणों ने दावा किया था कि मारे गए लोग ग्रामीण थे, नक्सली नहीं।
पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी ने बुधवार को कहा, ''प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मृतक प्रतिबंधित भाकपा (माओवाद) के मुखौटा संगठनों से कथित रूप से जुड़े हुए थे और पुलिस इस पहलू की विस्तृत जांच के प्रयास कर रही है।''
आईजीपी ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या मृतकों की पहचान भूमकाल के टिम्मापुर गांव (सुकमा) के कमांडर उस्का पंडु, डीएकेएमएस (दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन) छुटवाही के सदस्य कोवासी वागा और गुंदेम गांव (बीजापुर) के मिलिशिया सदस्य कुसराम भीमा के रूप में हुई है।
उन्होंने कहा कि तीनों मृतक माओवादियों के उन मुखौटा संगठनों के सदस्य थे, जो ग्राम स्तर पर काम करते हैं।
अधिकारी ने कहा कि मृतकों के शवों को उनके संबंधियों को सौंप दिया गया है।
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