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सूचना का अधिकार कानून की अनदेखी करने पर तीन अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया

By भाषा | Updated: April 1, 2021 15:40 IST

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जयपुर, एक अप्रैल राजस्थान के राज्य सूचना आयोग ने सूचना का अधिकार कानून की अनदेखी करने और लोगों को सूचना से वंचित रखने पर कोटा जिले के खान एवं भू विज्ञान विभाग के खनिज अभियंता, उदयपुर के पश्चिम क्षेत्र के वन संरक्षक और प्रतापगढ के जिला शिक्षा अधिकारी पर जुर्माना लगाया है।

आयोग ने जुर्माना राशि उनके वेतन से काटे जाने का आदेश दिया गया है।

राज्य सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने बताया कि कोटा जिले में रामगंजमंडी के खान एवं भू विज्ञान विभाग के खनिज अभियंता पर दो अलग-अलग मामलो में दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

बारेठ ने बताया कि आयोग के समक्ष कोटा जिले में रामगंजमंडी के एक नागरिक महावीर ने वहां के खनिज अभियंता के विरुद्ध शिकायत की थी। महावीर का कहना था कि वह लम्बे समय से अपने क्षेत्र में पत्थर खदानों के लीज निरीक्षण में पाई गई कमियों के बारे में सूचना मांग रहे थे।

उन्होंने बताया कि महावीर ने सितम्बर, 2019 को सूचना के लिए अर्जी दी थी, लेकिन खनिज अभियंता ने इस सूचना को तीसरे पक्ष की बताकर सूचना देने से इनकार कर दिया।

राज्य सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने सुनवाई के दौरान अधिकारी के इस रुख पर नाराजगी जाहिर की और दोनों मामलो में दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया।

आयोग ने कहा सूचना का अधिकार कानून के तहत ये सूचनाएं किसी भी नागरिक को देने लायक थी। लेकिन अधिकारी ने इसे अनसुना कर दिया।

सूचना आयुक्त बारेठ ने आयोग के इस फैसले की प्रति खनन विभाग के निदेशक को भी भेजने की हिदायत दी है। आयोग ने विभाग को निर्देश दिया है कि वह इस व्यक्ति को तय सीमा मे वांछित सूचना उपलब्ध कराये।

आयोग ने सूचना देने में कोताही बरतने पर उदयपुर के पश्चिम क्षेत्र के वन संरक्षक पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने वन विभाग को यह भी निर्देश दिया है कि आवेदक को पंद्रह दिन में सूचना मुहैया कराये।

इसी तरह आयोग ने प्रतापगढ़ के शिक्षा विभाग द्वारा एक व्यक्ति को सूचना नहीं देने पर जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) पर भी पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

बारेठ ने बताया कि प्रतापगढ़ के रमेश चंद जैन ने आयोग में अपील दाखिल कर शिकायत की थी कि विभाग उनके वेतन स्थरीकरण पर मांगी गई सूचना नहीं दे रहा है। आयोग ने जिला शिक्षा अधिकारी पर जुर्माना लगाते हुए पंद्रह दिन में सूचना उपलब्ध करने का निर्देश दिया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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