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बिहार के मुख्यमंत्री के लिए रिजर्व हुआ पटना में तीन बंगला, सरकार ने निकाला आदेश

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 16, 2022 16:57 IST

वर्ष 2014 में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था। तब नीतीश कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से अपने लिए 7, सर्कुलर रोड का बंगला आवंटित करा लिया था।

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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन-तीन बंगलों में रहते हैं। यह सुनकर थोड़ा आश्चर्य होगा, लेकिन यह सौ फीसदी सही बात है। वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद काफी दिनों बाद जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री आवास के रूप में कर्णांकित एक अणे मार्ग में गये थे, तब उन्होंने कहा था कि इतना बड़ा बंगला? मेरा काम तो केवल आउट हाऊस से ही चल जायेगा। 

लेकिन समय बीतने के साथ ही नीतीश कुमार ने बतौर मुख्यमंत्री दो अणे मार्ग को भी मुख्यमंत्री आवास के साथ कर्णांकित करवा दिया। भवन निर्माण विभाग ने उसे भी मुख्यमंत्री आवास का ही हिस्सा के रूप में अधिसूचित कर दिया। सरकार ने अण्णे मार्ग को ही बंद कर दिया। उस इलाके में जो भी बंगले थे, वे मुख्यमंत्री आवास में शामिल कर दिये गये। वर्ष 2014 में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था। तब नीतीश कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से अपने लिए 7, सर्कुलर रोड का बंगला आवंटित करा लिया था। 

नीतीश जब इस बंगले में रहने गये तो सरकार ने बंगले को राजसी ठाट-बाट के साथ तैयार किया गया था। 7, सर्कुलर रोड के बंगले के बगल में निगरानी विभाग का कार्यालय चल रहा था। उसका बड़ा खाली हिस्सा भी 7, सर्कुलर रोड में मिला दिया गया। उस वक्त पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से मिले बंगले में नीतीश के रहने के लिए बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य भी कराया गया। 

आखिरकार सरकारी खर्च पर 7, सर्कुलर रोड में पहले से बने बंगले को ध्वस्त कर दिया गया और फिर नये सिरे से नया मकान ही बना दिया गया। सूत्रों के मुताबिक वहां नीतीश कुमार के लिए इको फ्रेंडली बंगला बना दिया गया। 

इसी बीच 2015 में नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बन गए। लिहाजा उनके पास मुख्यमंत्री के रहने के लिए तय एक, अण्णे मार्ग का बंगला भी आ गया। नीतीश कुमार एक, अण्णे मार्ग और 7, सर्कुलर रोड दोनों बंगले में एक साथ रह रहे थे। चार साल तक नीतीश दिन में एक अण्णे मार्ग तो रात में 7, सर्कुलर रोड के बंगले में रहते रहे।

 इसी बीच 7 जनवरी 2019 को पटना हाईकोर्ट ने सरकारी बंगलों को लेकर सख्त टिप्पणी की थी। पटना हाईकोर्ट ने पूछा था कि आखिरकार किस आधार पर बिहार में पूर्व मुख्यमंत्री को बंगला आवंटित किया गया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि कैसे एक व्यक्ति के नाम पर दो-दो बंगले आवंटित कर दिये गये हैं। पटना हाईकोर्ट का जिस दिन फैसला आया, उसी दिन की तारीख में सरकार ने एक अधिसूचना निकाली। 

नीतीश सरकार ने अधिसूचना निकाली कि पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से मिले सरकारी बंगले को नीतीश कुमार छोड रहे हैं और वे एक अण्णे मार्ग में ही रहेंगे। 7, सर्कुलर रोड के बंगले को बिहार के मुख्य सचिव के नाम पर आवंटित कर दिया गया। हालांकि उस समय यह कहा गया था कि चूंकि मुख्यमंत्री के आवास एक अण्णे मार्ग की मरम्मत कार्य चल रहा है, लिहाजा नीतीश कुमार फिलहाल 7, सर्कुलर रोड के बंगले में ही रहेंगे।

अब एकबार फिर से सरकार ने नया आदेश निकाला गया है। 7 जून को बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग के द्वारा जारी किये गये एक आदेश में कहा गया है कि 7, सर्कुलर रोड भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आवास माना जायेगा। यह निर्णय केंद्रीय भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता के पत्र के आलोक में 7, सर्कुलर रोड के सरकारी बंगले को स्थायी तौर पर एक अण्णे मार्ग यानि मुख्यमंत्री आवास का विस्तारित अंग बना दिया गया है।

इस तरह से एक बडे आलीशान बंगले को भी मुख्यमंत्री हाउस में शामिल कर लिया गया है। इसतरह से 2005 में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद बारी-बारी से आस-पास के तीन बंगलों को मुख्यमंत्री आवास में मिला दिया गया। उसके अलावा राजकीय अतिथिशाला यानि स्टेट गेस्ट हाउस के एक बडे हिस्से को काट कर उसमें मुख्यमंत्री सचिवालय बना दिया गया। वहीं, पटना के कई बंगलों के साथ- साथ नीतीश कुमार के पास दिल्ली में भी आलीशान सरकारी बंगला है। 

बता दें कि इसी साल अप्रैल के अंत में फिर से यह कहा गया था कि मुख्यमंत्री आवास यानि एक अण्णे मार्ग की मरम्मति की जा रही है। लिहाजा नीतीश कुमार उसी अस्थायी तौर पर उसी 7, सर्कुलर रोड के बंगले में रहने जा रहे हैं। जिसके बाद सियासत गर्मा गई थी। बिहार में लंबे अर्से से मुख्यमंत्री के लिए एक अण्णे मार्ग का बंगला तय है। इसी एक बंगले में लालू-राबड़ी अपने 9 बेटे-बेटियों के साथ तकरीबन 15 साल रहे।

उधर, केंद्र की सरकार ने उन्हें दिल्ली में 6, कामराज रोड का आलीशान बंगला उन्हें दे दिया। वह बंगला भी नीतीश कुमार के कब्जे में है। दिल्ली में बिहार के मुख्यमंत्री के रहने के लिए पहले से व्यवस्था थी।

दिल्ली के बिहार निवास में मुख्यमंत्री के लिए बड़ा हिस्सा रिजर्व है, जिसमें कई कमरे और सूइट है। लेकिन नीतीश कुमार ने दिल्ली के बिहार भवन में भी मुख्यमंत्री का ठिकाना बनवाया। बिहार भवन के बड़े हिस्से को घेर कर उसे नीतीश कुमार के लिए रिजर्व कर दिया गया है। उस हिस्से को सजाने-संवारने में भी बिहार सरकार का अच्छा खासा पैसा खर्च हुआ। बावजूद इसके एक अलग से बंगला उन्होंने ले लिया। 

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