डल झील में मर गई हजारों मछलियां, आम कश्मीरियों ने कहा- जी20 की बैठक ने ली जान

By सुरेश एस डुग्गर | Published: May 26, 2023 05:15 PM2023-05-26T17:15:11+5:302023-05-26T17:17:20+5:30

आम कश्मीरियों का कहना है कि जी-20 की बैठक की खातिर डल झील के पानी के साथ ही गई छेड़छाड़ का यह परिणाम है तो वैज्ञानिकों का कहना था कि अचानक तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण झील के गहरे पानी में आक्सीजन की कमी के कारण ऐसा हुआ है।

Thousands of fish died in Dal Lake common Kashmiris said G20 meeting took their lives | डल झील में मर गई हजारों मछलियां, आम कश्मीरियों ने कहा- जी20 की बैठक ने ली जान

डल झील में मर गई हजारों मछलियां, आम कश्मीरियों ने कहा- जी20 की बैठक ने ली जान

Highlightsविश्व प्रसिद्ध डल झील में हजारों मछलियां अचानक मर गई हैं।इन मौतों को लेकर जबरदस्त बवाल खड़ा हो गया है।डल झील में हजारों छोटी मछलियों की मौत के बाद स्थानीय लोगों और झील के अधिकारियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है।

जम्मू: विश्व प्रसिद्ध डल झील में हजारों मछलियां अचानक मर गई हैं। इन मौतों को लेकर जबरदस्त बवाल खड़ा हो गया है। आम कश्मीरियों का कहना है कि जी-20 की बैठक की खातिर डल झील के पानी के साथ ही गई छेड़छाड़ का यह परिणाम है तो वैज्ञानिकों का कहना था कि अचानक तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण झील के गहरे पानी में आक्सीजन की कमी के कारण ऐसा हुआ है।

डल झील में हजारों छोटी मछलियों की मौत के बाद स्थानीय लोगों और झील के अधिकारियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि थर्मल स्तरीकरण के कारण मछलियों की मौत हुई है लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि जी-20 बैठक के लिए अवैज्ञानिक और अनियमित तरीके से की गई सफाई इसके लिए जिम्मेदार है।

22-24 मई के बीच डल झील पर जी-20 की टूरिज्म पर महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। इसके लिए झील की सफाई भी की गई थी। झील के आस-पास रहने वाले लोगों का कहना है कि कुछ दिनों के भीतर हजारों मछलियों की मौत हो चुकी है। मछली पालन विभाग के अधिकारी इन मौतों के लिए अनियमित मौसम और हाइड्रोपोनिक गुणों में बदलाव को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। 

विभाग के अधिकारियों का कहना था कि कि छोटी मछलियों की बड़े पैमाने पर मौत थर्मल स्तरीकरण (झील में अलग-अलग गहराई पर तापमान में बदलाव) के कारण हुई है। एक स्थानीय निवासी बशीर अहमद का कहना था कि हमें झील के विभिन्न स्थानों पर और विशेष रूप से उन क्षेत्रों में मरी हुई मछलियां मिलीं, जहां पर मेहमानों के स्वागत में झील को खूबसूरत बनाने के लिए खरपतवार और अन्य वनस्पतियों की सफाई की गई थी। 

लोगों का कहना है कि मरी मछलियों की वजह से झील में बदबू फैल रही है। स्थानीय शिकारे वाले और मछुआरे एलसीएमए अधिकारियों पर आरोप लगा रहे हैं कि उन क्षेत्रों में गहरी खुदाई और सफाई के कारण वो स्पूल नष्ट हो गए, जहां आमतौर पर मछलियां पैदा होती हैं। 

एक कश्मीरी नागरिक ने बताया कि हमने बड़ी मछलियों को मरते हुए नहीं देखा है, केवल छोटी मछलियों के शरीर दिखाई दे रहे हैं और यह दर्शाता है कि डीवीडिंग मशीनों ने मछलियों के क्षेत्रों को नष्ट कर दिया है। जबकि शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और तकनीकी विश्वविद्यालय में मत्स्य संकाय के डीन फिरोज अहमद भट का कहना था कि कि झील में आक्सीजन की कम मात्रा के कारण मछलियां मर सकती हैं। 

उन्होंने कहा कि प्रदूषण और खरपतवारों के बढ़ने से झील में आक्सीजन की कमी हो जाती है। यह पूर्व में निगीन झील में भी हो चुका है। जबकि जम्मू की मानसर झील में ऐसा कई बार हो चुका है।

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