पूरा देश कोरोना वायरस की चपेट में है। इसको रोकने से फैलने के लिए देशभर में लॉकडाउन चल रहा है। लोगों को घरों से बाहर न निकलने के नियम का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है लेकिन अपने राज्य से दूर अन्य राज्यों में काम कर रहे दिहाड़ी मजदूरों के सामने कोरोना के साथ ही भुखमरी की भी चिंता है। लोग जिन फैक्ट्रियों, होटलों में काम कर गुजारा कर रहे थे लॉकडाउन के चलते सब बंद कर दिया गया। ऐसे में दूसरे राज्यों में रह रहे गरीब, बेसहारा मजदूरों के सामने कोई विकल्प नहीं बचा। लोग एक जगह से दूसरे जगह न जाएं इसके लिए बस, ट्रेन जैसे सभी यातायात सुविधाएं भी बंद कर दी गई।
लोगों के पलायन से कोरोना के और ज्यादा फैलने का डर है। ज्यादा मरीजों की संख्या बढ़ जाने अस्पतालों में जगह कम पड़ जाएगी। उपलब्ध डॉक्टरी उपकरण इलाज के लिए पर्याप्त नहीं होंगे। इन्हीं सब कारणों से लोगों को पलायन से रोका जा रहा है जिससे वो स्वयं और उनका परिवार सुरक्षित रहे। शनिवार को जब अचानका काफी ज्यादा संख्या में लोगों के पलायन की खबर आई तब राज्य सरकारों ने मजदूरों के खाने और रहने के इंतजाम में थोड़ा तेजी दिखाई।
कोरोना से लड़ाई के लिए केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष’ (पीएम केयर्स फंड) के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट की स्थापना की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और इसके सदस्यों में रक्षामंत्री, गृहमंत्री और वित्तमंत्री शामिल हैं।
पीएम केयर्स में कंपनियां और संस्थान दान भी कर रहे हैं। हम आपको बता रहे हैं कि अब तक कुल कितने लोगों ने कितने रुपये इस पीएम केयर्स में दान किए हैं-
कोटक महिंद्रा बैंक और उसके मैनेजिंग डायरेक्टरकोटक महिंद्रा बैंक और उसके मैनेजिंग डायरेक्टर उदय कोटक ने पीएम केयर्स में 50 करोड़ रुपये मदद का फैसला किया है। इसमें 25 करोड़ रुपये कोटक महिंद्रा बैंक और 25 करोड़ रुपये उदय कोटक ने पीएम केयर्स में दान किए हैं।
सीबीआईदेश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई के अधिकारियों ने नवगठित प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत (पीएम-केयर्स) कोष में एक दिन का वेतन दान देने का फैसला किया है। एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि कोष का गठन होने के फौरन बाद यह फैसला लिया गया। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में करीब 6,000 अधिकारी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया था, ‘‘सभी वर्गों के लोगों ने कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में दान देने की इच्छा जताई है। उनकी भावना का सम्मान करते हुए प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष गठित किया गया है। स्वस्थ भारत के निर्माण में यह लंबा सफर तय करेगा।’’
रेलवेकेंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से निपटने में मदद के लिए रेल मंत्रालय ‘‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष’’ (पीएम केयर्स फंड) को 151 करोड़ रुपये दान करेगा। रेलमंत्री गोयल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद मैं, सुरेश अंगदी एक महीने का वेतन दान करेंगे, 13 लाख रेलवे, पीएसयू कर्मचारी एक दिन का वेतन दान करेंगे, जो पीएम-केयर्स फंड में 151 करोड़ रुपये के बराबर होगा।"
जेएसडब्ल्यूदेश की बड़ी स्टील कंपनी जिंदल साउथ वेस्ट- जेएसडब्ल्यू (JSW) ने 100 पीएम केयर्स फंड में 100 करोड़ रुपये दान करने की घोषणा की।
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एयर पोर्ट अथॉरिटीएयर पोर्ट ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया (भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने पीएम केयर्स में 20 करोड़ दिए। एयर पोर्ट अथाॉरिटी ने कहा कि हमारे कर्मचारियों ने 20 करोड़ रुपये दान देने के लिए जुटाए हैं।
सीबीएसईकेंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE)ने अपने कर्माचारियों के जरिए 21 लाख रुपये पीएम केयर फंड के लिए जुटाए। इनमें ग्रुप ए के कर्मचारियों ने अपनी दो दिन की सैलरी और ग्रुप बी और सी के कर्मचारियों ने एक-एक दिन की सैलरी दान की।
सरकार ने कहा है कि कंपनियों द्वारा प्रधानमंत्री आपात राहत कोष (पीएम-केयर्स) में योगदान को कंपनी कानून के तहत कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) खर्च माना जाएगा। वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी। देश में कोरोना वायरस फैलने के बीच सरकार इस महामारी पर अंकुश लगाने के प्रयास कर रही है। कंपनी कानून के तहत कुछ निश्चित श्रेणी की मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को अपने तीन साल के औसत शुद्ध लाभ को दो प्रतिशत एक वित्त वर्ष में सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना होता है।
सीतारमण ने ट्वीट किया, ‘‘पीएम-केयर्स में किए गए किसी को योगदान को सीएसआर खर्च माना जाएगा।’’ कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस बारे में ज्ञापन जारी कर स्पष्ट किया है कि कंपनियों द्वारा दान किए गए धन को उनकी सीएसआर गतिविधि में गिना जाएगा।
सरकार ने आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं राहत कोष (पीएम-केयर्स फंड) बनाया है। यह कोष कोरोना वायरस जैसी किसी आपात स्थिति में मदद देने का काम करेगा। मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘पीएम-केयर्स कोष का गठन किसी आपात स्थिति की वजह से प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए किया गया है। इसी के अनुरूप यह स्पष्ट किया जाता है कि पीएम-केयर्स कोष में किए गए किसी भी योगदान को कंपनी कानून, 2013 के तहत सीएसआर खर्च माना जाएगा।’’
मंत्रालय ने कुछ दिन पहले कहा था कि कोरोना वायरस पर अंकुश के लिए कंपनियों द्वारा किए जाने वाले किसी भी खर्च को कंपनी कानून के तहत सीएसआर गतिविधि माना जाएगा। उसके बाद अब मंत्रालय की ओर से इस बारे में ज्ञापन जारी किया गया है। सीएसआर कोष का इस्तेमाल कोविड-19 की रोकथाम जैसी गतिविधियों में किया जा सकता है। इसमें स्वास्थ्य और साफ-सफाई शामिल है।