'जीएसटी परिषद और वित्त आयोग के बीच में विचार विमर्श करने की एक मैकेनिज्म होनी चाहिए'

By भाषा | Published: July 5, 2019 06:01 AM2019-07-05T06:01:13+5:302019-07-05T06:01:13+5:30

जीएसटी से भविष्य में राज्यों को होने वाले नुकसान के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘जीएसटी का मामला वित्त आयोग से सीधे तरह से संबंधित नहीं है, क्योंकि जीएसटी परिषद एक संवैधानिक संस्था है। और वे स्वयं स्वायत्त रूप से अपना निर्णय देते हैं।’’

There should be a mechanism for discussions between the GST Council and the Finance Commission says nk singh | 'जीएसटी परिषद और वित्त आयोग के बीच में विचार विमर्श करने की एक मैकेनिज्म होनी चाहिए'

File Photo

पंद्रहवें वित्त आयोग के चेयरमेन एन के सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद और वित्त आयोग के बीच में विचार विमर्श करने की एक व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए हमने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से आग्रह किया है और उनकी ओर से सकारात्मक जवाब मिला है।

जीएसटी से भविष्य में राज्यों को होने वाले नुकसान के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘जीएसटी का मामला वित्त आयोग से सीधे तरह से संबंधित नहीं है, क्योंकि जीएसटी परिषद एक संवैधानिक संस्था है। और वे स्वयं स्वायत्त रूप से अपना निर्णय देते हैं।’’ उन्होंने कहा कि वित्त आयोग को पांच वर्षों के राजस्व की गणना करनी पड़ती है, इसलिए जीएसटी परिषद के निर्णयों पर वित्त आयोग को ध्यान रखना पड़ता है।

सिंह ने बताया कि इस आधार पर हम एक मॉडल बनाएंगे। उसके लिए बहुत आवश्यक है कि जीएसटी की दरें, जीएसटी की प्रक्रिया और जीएसटी में संभावनाएं (प्रिडेक्टिबिलिटी) और जिस रफ्तार से रिफंड्स दे रहे हैं उसमें सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘इन सभी चीजों को देखते हुए भूतपूर्व वित्त मंत्री अरूण जेटली से हमने आग्रह किया था कि इसके लिए एक ऐसी प्रक्रिया होनी चाहिए, जिसमें जीएसटी परिषद और वित्त आयोग के बीच में विचार विमर्श करने की एक व्यवस्था कायम हो।’

सिंह ने कहा, ‘‘मैंने यह बात फिर से वर्तमान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से दोहराई है और उनका जो वक्तव्य आया है वह निश्चत रूप से सकारात्मक है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘वित्त आयोग को आशा बनी है कि जल्द ही हम लोग जीएसटी परिषद से एक इंटरेक्शन करेंगे और डायलॉग मैकेनिज्म कायम करेंगे। जिससे जीएसटी परिषद के निर्णयों का जो असर हम लोगों के ऊपर, केन्द्र के ऊपर और विशेष रूप से राज्यों के ऊपर पड़ रहा है उसके ऊपर कोई निश्चित कदम उठाये जाएंगे।’’

सिंह से सवाल किया गया था कि जीएसटी से सभी राज्यों को नुकसान हो रहा है। अभी तो केन्द्र सरकार राज्य सरकारों को क्षतिपूर्ति दे रही है। बाद में क्या होगा? कब तक क्षतिपूर्ति करेंगे? एक अन्य सवाल के जवाब में सिंह ने बताया कि देश का हर राज्य केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 42 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किये जाने की मांग कर रहा है, जबकि केन्द्र सरकार 42 प्रतिशत देने में ही खुश नहीं है, 50 प्रतिशत की बात तो छोड़ो। हमें इसमें उचित संतुलन बनाना है।

इससे पहले, बुधवार को मध्यप्रदेश के दौरे पर आये वित्त आयोग के चेयरमेन एन.के सिंह एवं अन्य सदस्यों ने मुख्यमंत्री कमल नाथ से आज मंत्रालय में मुलाकात की। इस दौरान कमलनाथ ने वित्त आयोग के सदस्यों को राज्य के वित्तीय प्रबंधन एवं वित्तीय आवश्यकताओं की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश हित में यह जरूरी है कि राज्य को अधिक से अधिक संसाधन उपलब्ध हो।

मुख्यमंत्री ने वित्त आयोग से अपेक्षा की कि वे देश के सभी राज्यों को अधिक से अधिक राशि उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा कि राज्यों के विकास से ही देश का विकास होगा। इस मौके पर केंद्रीय वित्त आयोग के सदस्य अजय नारायण झा, रमेश चंद्र, अशोक लाहिड़ी, अनूप सिंह एवं आयोग के सचिव अरविंद मेहता उपस्थित थे। 

Web Title: There should be a mechanism for discussions between the GST Council and the Finance Commission says nk singh

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे

टॅग्स :GSTजीएसटी