भाजपा में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही है 'एक अनार-सौ बीमार' की कहावत, जानिए किन-किन राज्यों में कौन- कौन नेता 'भागा भागा-दौड़ा दौड़ा सा' नजर आ रहा है
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 9, 2023 02:11 PM2023-12-09T14:11:41+5:302023-12-09T14:29:39+5:30
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत मिला है, बावजूद उसके वह तीनों ही राज्यों में मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं कर पाई है, जिसके कारण तीनों राज्यों में सरकार के गठन में देरी हो रह है।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बेहद शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन राज्यों का जनादेश अपने पक्ष में कर लिया। बीते 3 दिसंबर को परिणाम सामने आने के बाद भाजपा ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से छीन ली, वहीं मध्य प्रदेश में अपनी सरकार को फिर से दोहराने जा रही है।
तीनों ही राज्यों में भाजपा को सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत मिला है, बावजूद उसके वह तीनों ही राज्यों में मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं कर पाई है, जिसके कारण तीनों राज्यों में सरकार के गठन में देरी हो रह है।
दरअसल भाजपा आलाकमान तीनों ही राज्यों के अपने प्रमुख छत्रपों के हाथ में सूबे की गद्दी सौंपने के मूड में नहीं दिखाई दे रहा है। केंद्रीय नेताओं को भय है कि तीनों राज्यों में भाजपा की आंतरिक गुटबाजी शानदार बहुमत मिलने के बाद भी किरकिरी का सबब न बन जाए। इस कारण शीर्ष नेतृत्व मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर बेहद गंभीरता से विचार विमर्श कर रहा है।
भाजपा हाईकमान मतलब नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा के बीच इस बात को लेकर भी मंथन चल रहा है कि साल 2024 के आम चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री का चेहरा तय हो ताकि पार्टी को आगामी आम चुनाव में भी उसका लाभ मिल सके। यही कारण है कि सत्ता में आने के बाद भी भाजपा अभी तक छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के चेहरे पर किसी के नाम पर मुहर नहीं लगा पाई है।
अब सिलसिलेवार तरीके से सभी राज्यों की बात करते हैं, जहां भाजपा के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर 'एक अनार-सौ बीमार' की कहावत चरितार्थ हो रही है। तो इस क्रम में सबसे पहले बात करते हैं मध्य प्रदेश की।
मध्य प्रदेश-
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के अलावा नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय, सुमित्रा वाल्मिकी, सुमेर सोलंकी के अलावा हिमाद्री सिंह, वीरेंद्र खटीक और संध्या राय का नाम मुख्यमंत्री पर की रेस में दौड़ रहा है।
राजस्थान-
राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए केंद्रीय नेतृत्व के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के अलावा ओम बिड़ला, ओम माथुर, अर्जुम राम मेघवाल, बाबा बालकनाथ, दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौर, गजेंद्र सिंह शेखावत, सीपी जोशी और अश्विणी वैष्णव के नाम को लेकर मंथन चल रहा है।
छत्तीसगढ़-
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा आलाकमान के सामने जिन नामों पर चर्चा हो रही है, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, रेणुका सिंह, ओपी चौधरी और अरुण साव, मोहन मरांडी, धरमलाल कौशिक और रामविचार नेताम के नाम शामिल हैं।
भाजपा आला कमान ने तीनों राज्यों में नवनिर्वाचित विधायकों का मन टटोलने के लिए पर्यवेक्षकों की भी नियुक्ति कर दी है। मध्य प्रदेश के लिए पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर, के लक्ष्मण और आशा लकड़ा को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। वहीं राजस्थान भाजपा के विधायकों का मूड पढ़ने की जिम्मेदारी राजनाथ सिंह, सरोज पांडे और विनोद तावड़े को दी गई है।
इसके अलावा भाजपा ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री चयन के लिए अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनोवाल और दुष्यंत गौतम को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है।