"लोगों में भ्रम है कि महाराष्ट्र में सरकार है या नहीं", ठाकरे गुट ने 'सामना' में बताया महाराष्ट्र जल्द ही बन जाएगा 'उड़ता पंजाब'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 20, 2023 12:36 PM2023-10-20T12:36:41+5:302023-10-20T12:43:28+5:30
शिवसेना (उद्धव गुट) के मुखपत्र 'सामना' ने अपने संपादकीय में बेहद गंभीर मुद्दा उठाते हुए कहा है कि पूरा महाराष्ट्र नशीली दवाओं की गिरफ्त में फंसता जा रहा है और अगर ऐसा ही हाल रहा तो महाराष्ट्र जल्द ही 'उड़ता पंजाब' बन जाएगा।
मुंबई: शिवसेना (उद्धव गुट) ने एक बार फिर सत्ताधारी शिंदे सरकार को संगीन आरोपों के कटघरे में खड़ा किया है। उद्धव गुट ने अपने आधिकारिक मुखपत्र 'सामना' के जरिये दावा किया कि लोगों को अब शक हो रहा है कि महाष्ट्र में सरकार है या नहीं है। सामना के संपादकीय में बेहद गंभीर मुद्दा उठाते हुए कहा गया है कि पूरा महाराष्ट्र नशीली दवाओं की गिरफ्त में फंसता जा रहा है और पूरा सूबा इन दवाओं की बिक्री और खपत का एक बड़ा बाजार बन गया है।
सामना में कहा गया, "लोगों के अब इस बात का शुबहा होने लगा है कि महाराष्ट्र में कोई सरकार है या फिर नहीं है। सरकार का इकबाल न होने के कारण आज की तारीख में पूरा महाराष्ट्र नशीली दवाओं की बिक्री और खपत का एक बड़ा बाजार बन गया है।"
इसके साथ पार्टी का कहना है कि पड़ोसी राज्य गुजरात ड्रग माफियाओं का अंतरराष्ट्रीय केंद्र बन गया है। सामना में कहा गया है, "गुजरात से नशीली दवाओं की अवैध खेप महाराष्ट्र में आ रहा है। इससे साफ है कि महाराष्ट्र को ड्रग एडिक्ट बनाने की कोशिश हो रही है और इस साजिश का पर्दाफाश करना होगा।"
सामना के संपादकीय में आगे दावा किया गया है कि जिन दवाओं को गुजरात के बंदरगाहों पर अधिकारियों द्वारा जब्त नहीं किया जा रहा है, उन्हें महाराष्ट्र में भेजा जा रहा है।
मुखपत्र में कहा गया है, "यह तस्वीर महाराष्ट्र के लिए अच्छी नहीं है। अगर ड्रग डीलरों को ऐसे ही शाही संरक्षण मिलता रहा तो महाराष्ट्र जल्द ही 'उड़ता पंजाब' बन जाएगा। बंदरगाहों पर हजारों करोड़ की नशीली दवाएं पकड़ी जाती हैं और पड़ोसी राज्य गुजरात के हवाईअड्डे पर जिन सामानों को जब्त नहीं किया जाता वो महाराष्ट्र में आ जाता हैं।”
सामना में कहा गया है, "ऐसा दावा किया जा रहा है कि नासिक शहर नशीली दवाओं की चपेट में है। स्कूल, कॉलेजों, सड़कों पर, पान की दुकानों पर कई नशीली गोलियां और नशे की अन्य दवाएं मिल रही हैं। आलम यह है कि अच्छे परिवारों के लड़के-लड़कियां इसके जाल में फंस रहे हैं। यही कारण है कि नासिक में अब तक सौ से अधिक लड़के-लड़कियों ने आत्महत्या कर ली है।"