विश्व हमारा है और हम विश्व के हैं, एकता ही हमारी संस्कृति की ताकत : मिश्र
By भाषा | Published: October 19, 2019 03:40 PM2019-10-19T15:40:23+5:302019-10-19T15:40:23+5:30
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि भारतीय संस्कृति का सार यही है कि सम्पूर्ण राष्ट्र के लोग आपस में जुड़े हुए हैं। भारतीयों ने भौगोलिक एकता और भावानात्मक एकात्मकता से आपसी सद्भाव और सकारात्मकता का वातावरण बनाया है तथा इससे राष्ट्र की विश्व में पहचान बनी है।
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को कहा कि एकता ही हमारी संस्कृति की ताकत है। यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मिश्र ने कहा, ‘‘विश्व हमारा है और हम विश्व के हैं।
भारत ने विश्व को इस विशालता का अनुभव कराने में सफलता हासिल की है।’ ’ उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति का सार यही है कि सम्पूर्ण राष्ट्र के लोग आपस में जुड़े हुए हैं। भारतीयों ने भौगोलिक एकता और भावानात्मक एकात्मकता से आपसी सद्भाव और सकारात्मकता का वातावरण बनाया है तथा इससे राष्ट्र की विश्व में पहचान बनी है।
मिश्र ने कहा कि उपभोग में संयम, वितरण में समानता, प्रकृति से संतुलन और आपसी सद्भाव से ही राष्ट्र का विकास होता है, देश आगे बढ़ता है और यही पक्ष राष्ट्रीय नीति के लिए सांस्कृतिक आधार है। राज्यपाल ने कहा कि पूरे देश को एक शरीर की भांति मानेंगे तभी संवेदनशीलता और एकाग्रता का भाव पैदा होगा तथा भेदभाव, जैसी बुराइयां दूर हो सकेंगी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल की सोच का आधार सांस्कृतिक था। आपसी सहयोग व सद्भाव ही भारतीय संस्कृति की पहचान है। एक-दूसरे की कुशलता का ध्यान रखना, शौर्य बढ़ाना, ईष्या मिटाना और प्रकृति का सम्मान करना भारतीयता है। कार्यक्रम में राज्यसभा सदस्य सुंधाशु त्रिवेदी भी मौजूद थे।