भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की प्रामाणिकता पर संदेह जताते हुए एक नया आरोप लगाया है चुनावी धांधली का असली खेल वीवीपैट (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) में ही होता है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार सुबह 'एक्स' पर लिखे पोस्ट में कहा, "जिलों में फिलहाल सभी ईवीएम की एफएलसी (फर्स्ट लेवल चेक) का काम किया जा रहा है। इंजीनियर बैलेट यूनिट या कंट्रोल यूनिट को तो पूरी तरह से खोल देते हैं लेकिन वीवीपैट मशीन को नहीं। जब मैंने इसे खोलने का अनुरोध किया तो उन्होंने कहा कि ऊपर से निर्देश हैं कि इसे नहीं खोला जाएगा। वीवीपैट में ही सब कुछ 'खेला' है।'
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने 'एक्स' पर साझा करते हुए भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) की जिम्मेदारी पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि ईसीआई अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रही।
उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग की पहली ज़िम्मेदारी यह है कि वे बिना सबूत के किसी भी मतदाता का नाम मतदाता सूची से न हटाएं और फर्जी मतदाताओं को न जोड़ें। दूसरी ज़िम्मेदारी यह है कि मेरा वोट वहीं पड़े, जहां मैं चाहता हूं और हर वोट निष्पक्ष रूप से गिना जाए। और चुनाव आयोग इन दोनों जिम्मेदारियों में विफल रहा है।''
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर 'मदर ऑफ डेमोक्रेसी' में चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाया जाएगा तो दुनिया में हमारी छवि पर क्या असर पड़ेगा। कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगामी लोकसभा चुनाव बिना ईवीएम के बैलेट पेपर से कराने की भी चुनौती दी।
दिग्विजय सिंह ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आप इतने शक्तिशाली और लोकप्रिय हैं फिर बैलेट पेपर से मतदान करने से क्यों डरते हैं? चुनौती स्वीकार करें और 2024 का लोकसभा चुनाव बिना ईवीएम के बैलेट पेपर से कराएं। पाकिस्तान भी ईवीएम छोड़कर बैलेट पेपर पर आ गया है।"