1984 के सिख दंगों को लेकर मचे बवाल पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने माफी मांग ली है। सैम पित्रोदा ने कहा कि मेरी हिंदी खराब है, मैं 'जो हुआ वो बुरा हुआ' कहना चाहता था. बुरा हुआ को मैं दिमाग में ट्रांसलेट नहीं कर पाया. मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।
सैम पित्रोदा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने क्या किया और क्या दिया, इस पर चर्चा करने के लिए हमारे पास अन्य मुद्दे हैं। मुझे खेद है कि मेरी टिप्पणी को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया, मैं माफी मांगता हूं। इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया। पित्रोदा की सफाई से पहले कांग्रेस ने भी अपनी ओर से लेटर जारी करके सफाई दी थी।
इस बीच कांग्रेस ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के संदर्भ में सैम पित्रोदा के बयान से शुक्रवार को दूरी बनाते हुए इसे उनकी निजी राय करार दिया और कहा कि पार्टी के नेता बयान देते समय ‘‘ सावधान और संवेदनशील’’ रहें। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारे समाज में हिंसा और दंगे अस्वीकार्य हैं। कांग्रेस एवं इसके नेतृत्व ने 1984 के दंगों के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के मकसद से पूरा प्रयास किया है। कांग्रेस ने 1984 के दंगों और साथ ही 2002 के गुजरात दंगे सहित हिंसा की सभी घटनाओं में न्याय और सजा के लिए प्रयास का समर्थन किया है।’’
सिंघवी ने भोपाल संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा का नाम लिये बिना कहा, ‘‘यह अजीब विडंबना है कि जो आतंकवाद की आरोपी को टिकट देते हैं वो हमें उपदेश देते हैं। ये सीधी उनकी दोहरी आवाज को आवाज को दिखाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का चाल, चरित्र चेहरा है कि मनभेद पैदा करो ताकि दंगे हों और फिर विभाजन के आधार पर वोट लिए जाएंगे। प्रधानमंत्री की कोशिश को देश समझ गया है। अब वह बेनकाब हो चुके हैं।’’ खबरों के मुताबिक पित्रोदा ने गुरुवार को कहा था कि अब क्या है 84 का? आपने (नरेंद्र मोदी) पांच साल में क्या किया, उसकी बात करिए। 84 में जो हुआ, वो हुआ।
इस मामले पर विवाद खड़ा होने के बाद पित्रोदा ने कहा कि भाजपा अपनी नाकामियां छिपाने के लिए उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है।