पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी के गिरने लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि हमारी अर्थव्यवस्था की स्थिति बहुत चिंताजनक है। इसके अलावा हमारे समाज की स्थिति और भी चिंताजनक है। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि समाज में 'गहरी जड़े जमा चुके संदेह' को दूर करें और भारत को सौहार्दपूर्ण और परस्पर भरोसा वाले समाज की ओर वापस लेकर जाएं।
उन्होंने कहा कि आज जीडीपी के आंकड़े जारी हुए हैं। जीडीपी गिरकर 4.5% पहुंच गई है जो बहुत कम। यह स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य है। हमारे देश को 8-9 प्रतिशत ग्रोथ की आशा थी। जीडीपी पहली तिमाही में पांच फीसदी थी, जोकि दूसरी तिमाही में गिरकर 4.5% पहुंच गई। यह चिंता का विषय है। आर्थिक नीतियों में बदलाव से अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में कोई मदद नहीं मिलने वाली है।
उन्होंने कहा कि आपसी विश्वास ही सामाजिक आदान-प्रदान का आधार है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है। सामाजिक विश्वास का ताना-बाना, भरोसा अब टूट और बिखर रहा है। समाज में व्याप्त अविश्वास, भय और निराशा की भावना का विषैला संयोजन आर्थिक गतिविधियों और विकास को प्रभावित कर रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘भारत की जीडीपी गिरकर 4.5 फीसदी हो गई है। यह पिछले छह वर्षों में किसी भी तिमाही में सबसे कम जीडीपी दर है।’’ उन्होंने कहा ‘‘भाजपा जश्न क्यों मना रही है? क्योंकि जीडीपी के बारे में उनकी समझ ‘ ‘गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स’ है।’’
गौरतलब है कि देश में विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट और कृषि क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत पर रह गयी।