चारधाम के तीर्थ पुरोहितों ने मंत्रियों के घरों का घेराव किया

By भाषा | Published: November 23, 2021 05:27 PM2021-11-23T17:27:55+5:302021-11-23T17:27:55+5:30

The pilgrimage priests of Chardham surrounded the houses of the ministers | चारधाम के तीर्थ पुरोहितों ने मंत्रियों के घरों का घेराव किया

चारधाम के तीर्थ पुरोहितों ने मंत्रियों के घरों का घेराव किया

देहरादून, 23 नवंबर आगामी विधानसभा चुनाव से पहले देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर अपने आंदोलन को और धार देते हुए चारों धामों के ती​र्थ पुरोहितों ने मंगलवार को उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों के आवासों का घेराव किया।

उन्होंने देवस्थानम बोर्ड के गठन के प्रावधान वाले अधिनियम को वापस लेने के लिए राज्य सरकार पर दवाब बनाने के वास्ते मुख्य रूप से कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के आवास के बाहर धरना दिया तथा ‘शीर्षासन’ भी किया।

इस दौरान उनियाल अपने घर से बाहर आए और पुरोहितों से बातचीत की। उन्होंने पुरोहितों से 30 नवंबर तक इंतजार करने को कहा ​और संकेत दिया कि इसके बाद इस संबंध में कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्रित्व काल में 2019 में गठित चारधाम देवस्थानम बोर्ड का चारों धामों-बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहित शुरू से ही विरोध कर रहे हैं और इसे भंग किए जाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। उनका मानना है कि बोर्ड का गठन उनके पारंपरिक अधिकारों का हनन है।

तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि वे ‘चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत’ के बैनर तले सात दिसंबर से गैरसैंण में शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा भवन का भी घेराव करेंगे।

उन्होंने कहा कि वे यहां 27 नवंबर को 'काला दिवस' मनाते हुए विरोध मार्च भी करेंगे। इसी दिन राज्य मंत्रिमंडल ने देवस्थानम बोर्ड के गठन को अपनी मंजूरी दी थी। इस दौरान यहां गांधी पार्क से लेकर राज्य सचिवालय तक 'आक्रोश रैली' भी निकाली जाएगी।

यहां राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के अलावा केंद्र सरकार द्वारा नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद तीर्थ पुरोहितों को अपनी मांग पूरी होने की आस बंधी है और इसी के चलते उन्होंने अपना आंदोलन तेज कर दिया है।

इस साल जुलाई में मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने इस मुद्दे के समाधान के लिए वरिष्ठ भाजपा नेता मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया था। यह समिति अपनी अंतरिम रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: The pilgrimage priests of Chardham surrounded the houses of the ministers

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे