कराची बेकरी के मालिक ने कहा, बंटवारे का शिकार थे संस्थापक

By भाषा | Updated: November 27, 2020 23:09 IST2020-11-27T23:09:28+5:302020-11-27T23:09:28+5:30

The owner of the Karachi bakery said, the founder was a victim of partition | कराची बेकरी के मालिक ने कहा, बंटवारे का शिकार थे संस्थापक

कराची बेकरी के मालिक ने कहा, बंटवारे का शिकार थे संस्थापक

मुंबई, 27 नवंबर उपनगरीय बांद्रा में कराची बेकरी के मालिक ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के एक नेता द्वारा भेजे गए ‘कानूनी नोटिस’ के जवाब में कहा कि बेकरी के संस्थापक बंटवारे का शिकार थे और उसका नाम भारतीय भावनाओं को आहत नहीं कर सकता।

मनसे के स्थानीय नेता हाजी सैफ शेख ने मालिक को कानूनी नोटिस भेजते हुए कहा कि कराची शब्द आम भारतीयों और भारतीय सेना की भावनाओं को आहत करता है क्योंकि वह एक पाकिस्तानी शहर है।

उन्होंने मांग की कि बेकरी का नाम बदला जाना चाहिए और दुकान का साइनबोर्ड भी मराठी में होना चाहिए।

बेकरी के मालिक ने अपने जवाब में कहा कि इसकी स्थापना एक सिंधी-हिंदू परिवार ने की थी जो पाकिस्तान से विस्थापित होकर यहां आया था और इस ब्रांड की अब वैश्विक पहचान है।

उन्होंने कहा कि वे भारतीयों की भावनाओं को आहत करने के लिये कराची नाम का इस्तेमाल नहीं करते। हकीकत में बेकरी के मालिक खानचंद रमानी को विभाजन के वक्त पाकिस्तान समर्थक तत्वों की हिंसा का शिकार होना पड़ा था।

बेकरी ने कहा कि “पाकिस्तान द्वारा की गई हिंसा के शिकार” होने के नाते, वो कभी ऐसा कोई बयान नहीं देंगे या ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे साथी भारतीयों की भावनाएं आहत हों।

जवाब में कहा गया, “यह कहना गलत है कि मेरे मुवक्किल (बेकरी मालिक) ने हमारे सैनिकों के बलिदान के प्रति असम्मान जताया। बेकरी हमेशा से भारतीय रही है और आगे भी रहेगी।”

इसमें कहा गया, “इसलिये भारत के प्रति मेरे मुवक्किल की वफादारी को लेकर लगाए गए सभी आरोप असत्य व अवांछित हैं।”

इस महीने के शुरू में शिवसेना के एक कार्यकर्ता ने बांद्रा स्थिति एक दुकान का नाम ‘कराची स्वीट्स’ होने पर आपत्ति जताई थी। शिवसेना ने बाद में स्पष्ट किया था कि यह पार्टी का रुख नहीं है।

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Web Title: The owner of the Karachi bakery said, the founder was a victim of partition

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