गुलाम नबी आजाद की पार्टी के नाम को मिली चुनाव आयोग से मंजूरी, जानें पूरा मामला

By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 4, 2023 12:39 PM2023-02-04T12:39:36+5:302023-02-04T13:14:46+5:30

नवम्बर महीने में 13 दिनों में ही उन्हें तीसरी बार पार्टी का नाम बदलना पड़ा था। 26 नवंबर को जब डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के नाम से आवेदन किया गया था तो उसके प्रति दुआ की जा रही थी कि वह अब स्वीकृत हो जाए।

The name of Ghulam Nabi Azad's party got approval from the Election Commission | गुलाम नबी आजाद की पार्टी के नाम को मिली चुनाव आयोग से मंजूरी, जानें पूरा मामला

गुलाम नबी आजाद की पार्टी के नाम को मिली चुनाव आयोग से मंजूरी, जानें पूरा मामला

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Highlightsगुलाम नबी आजाद की नवगठित पार्टी के प्रदेश में हजारों कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए पहचान का मामला सुलझ गया है।चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी का नाम स्वीकृत कर लिया है और पंजीकरण भी जारी कर दिया है।लगातार तीन बार नाम भिजवाने के बाद अब पार्टी को डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी अर्थात डीपीएपी दिया गया है।

जम्मू: अंततः कांग्रेस से आजाद हुए पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की नवगठित पार्टी के प्रदेश में हजारों कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए पहचान का मामला सुलझ गया है। चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी का नाम स्वीकृत कर लिया है और पंजीकरण भी जारी कर दिया है। लगातार तीन बार नाम भिजवाने के बाद अब पार्टी को डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी अर्थात डीपीएपी दिया गया है।

नवम्बर महीने में 13 दिनों में ही उन्हें तीसरी बार पार्टी का नाम बदलना पड़ा था। 26 नवंबर को जब डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के नाम से आवेदन किया गया था तो उसके प्रति दुआ की जा रही थी कि वह अब स्वीकृत हो जाए। वैसे पार्टी के भीतरी सूत्र बताते थे कि इस नाम से गुलाम नबी आजाद नाखुश हैं क्योंकि वे पार्टी के लिए छोटा नाम चाहते थे। मगर मजबूरी में उन्हें ऐसा करना पड़ा है। 

वे चाहते थे कि जल्द से जल्द पार्टी का नाम स्वीकृत हो और चुनाव चिन्ह भी मिल जाए क्योंकि प्रदेश में विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट आरंभ हो चुकी है। फिलहाल पार्टी को चुनाव चिन्ह मिलना बाकी है। 

24 नवम्बर को गुलाम नबी आजाद की पार्टी के महासचिव की ओर से अखबारों में दिए गए विज्ञापनों के अनुसार, उनकी पार्टी के नाम को पंजीकृत करने के लिए चुनाव आयोग को दिए गए आवेदन पर आपत्तियां मांगी गई थीं क्योंकि पार्टी का नाम डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के नाम से पंजीकरण पेश किया गया था।

हालांकि सितम्बर में जब गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के गठन की घोषणा की थी तो इसका नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा गया था। तब उन्होंने सैंकड़ों समर्थकों की उपस्थिति में इसकी घोषणा करते हुए 26 सितम्बर को चुनाव आयोग को आवेदन भी किया। पर चुनाव आयोग ने उस नाम को अस्वीकृत कर दिया था ।नतीजतन पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अखबारों आदि में या सम्मेलनों में प्रतिदिन अपनी पार्टी का नाम बदलने को मजबूर हो रहे थे। इससे उनकी किरकिरी भी हो रही थी। 

हालत यह है कि अब तीसरी बार पार्टी का नाम बदला गया है। नवम्बर महीने की 13 तारीख को प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के नाम को भी चुनाव आयोग द्वारा अस्वीकृत कर दिए जाने के कारण पार्टी नेता असमंजस में थे। अब उनकी जान में जान आई है।

Web Title: The name of Ghulam Nabi Azad's party got approval from the Election Commission

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