रक्षा मंत्रालय ने कर्नाटक के मंत्री के व्यवहार को बताया दुर्भाग्यपूर्ण, कांग्रेस ने की सीतारमण की निंदा
By भाषा | Published: August 26, 2018 12:58 AM2018-08-26T00:58:10+5:302018-08-26T00:58:10+5:30
कर्नाटक से राज्यसभा सांसद सीतारमण ने रक्षा बलों द्वारा चलाये जाने वाले राहत अभियानों की समीक्षा करने के लिए कल राज्य के बाढ़ प्रभावित कोडागू जिले का दौरा किया था।
बेंगलुरु, 25 अगस्त: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और कर्नाटक के मंत्री सा रा महेश के बीच उनके (सीतारमण) यात्रा कार्यक्रम को लेकर हुए सार्वजनिक विवाद के एक दिन बाद रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को उनके (महेश) के आचरण को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया।
In response to the gross misinformation that has been circulating in the news for the past 24 hrs, the below statement has been issued.@nsitharaman@PIB_India@PIBBengaluruhttps://t.co/rtScnQFOFqpic.twitter.com/xfrrmL9uLK
— Raksha Mantri (@DefenceMinIndia) August 25, 2018
हालांकि राज्य सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि इससे केन्द्र कोई छोटा नहीं हो जाता और उन्हें राज्य के मंत्री के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए था।
कांग्रेस ने कल एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कर्नाटक के मंत्री को आड़े हाथों लेने के लिए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की आज आलोचना की। हालांकि रक्षा मंत्रालय ने इस घटना के लिए राज्य के मंत्री को जिम्मेदार ठहराया और उनके व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
कर्नाटक से राज्यसभा सांसद सीतारमण ने रक्षा बलों द्वारा चलाये जाने वाले राहत अभियानों की समीक्षा करने के लिए कल राज्य के बाढ़ प्रभावित कोडागू जिले का दौरा किया था।
सीतारमण इस दौरान कल जब मीडिया से बात कर रहीं थीं, उसी दौरान कर्नाटक के मंत्री सा रा महेश ने उनसे कहा कि समीक्षा बैठक के लिए अधिकारी उनका इंतजार कर रहे है।
इसके बाद सीतारमण ने कहा था, ‘‘मैंने प्रभारी मंत्री का अनुसरण किया। यहां केंद्रीय मंत्री, प्रभारी मंत्री का अनुसरण कर रहे हैं। अदभुत! आपके पास मेरे लिए मिनट-मिनट की लिस्ट है...मैं आपके कार्यक्रम के हिसाब से काम कर रही हूं। ’’
उन्होंने कहा था,‘‘आपके पास मेरे लिए मिनट-मिनट के कार्यक्रम की सूची है और मैं इसी का पालन कर रही हूं। यदि कुछ मतभेद है तो आपको इनका हल पहले करना चाहिए था।’’
कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आज सीतारमण की निंदा की और आरोप लगाया कि उनकी ‘‘हमारे मंत्री पर हावी होने की अधिक दिलचस्पी थी’’ जिससे राज्य के प्रति भाजपा की ‘‘उदासीनता’’ जाहिर होती है।
रक्षा मंत्रालय ने आज इस घटना पर एक स्पष्टीकरण जारी किया और राज्य के मंत्री के व्यवहार पर सवाल उठाया।
स्पष्टीकरण में कहा गया है,‘‘कार्यक्रम के अनुसार प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के बाद रक्षा मंत्री बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित पूर्व सैन्यकर्मियों से रूबरू हो रही थी कि इसी दौरान जिला प्रभारी मंत्री ने इस पर आपत्ति जताई और जोर दिया कि अधिकारियों के साथ बैठक पहले होनी चाहिए।’’
मंत्रालय ने कहा,‘‘रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि पूर्व सैनिकों का कल्याण मंत्रालय का एक आवश्यक हिस्सा है और यह कार्यक्रम के अनुसार ही था। हालांकि जिला मंत्री ने जोर दिया कि रक्षा मंत्री तत्काल उनके साथ बातचीत को रोककर अधिकारियों के साथ बैठक के लिए चले।’’
मंत्रालय ने कहा कि सीतारमण ने तत्काल बैठक रोक दी और अधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए वह वहां से चल दी।
उन्होंने कहा,‘‘उस स्थान को पहले से ही प्रेस कांफ्रेंस के लिए बनाया गया था और जल्दबाजी में समीक्षा के लिए वहां अधिकारियों को भी बुला लिया गया। सभी मीडियाकर्मियों की मौजूदगी में अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित करना अभूतपूर्व था।’’
मंत्रालय ने कहा,‘‘इसके बाद, रक्षा मंत्री के खिलाफ निजी टिप्पणी की गई जो प्रतिक्रिया देने लायक भी नहीं थी।’’
इस घटना के बाद महेश ने कहा कि सीतारमण के बयान कोडागू के लिए केन्द्र से धनराशि की मांग की प्रतिक्रिया के रूप में आये है।
इस बीच कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि राज्य सरकारों को संविधान से अपनी शक्तियां प्राप्त होती है और वह अपने सहयोगी के साथ उनके (सीतारमण) व्यवहार को लेकर निराश है।
उल्लेखनीय है कि जिले में पिछले सप्ताह बारिश से 17 लोगों की मौत हो गई। पांच हजार से अधिक लोग बेघर हो गए हैं।