'कोविड-19 से जुड़े मुद्दों पर न्यायाधीशों के विरोधाभासी आदेशों से न्यायपालिका की छवि धूमिल हो रही'

By भाषा | Updated: July 28, 2021 16:09 IST2021-07-28T16:09:08+5:302021-07-28T16:09:08+5:30

'The image of the judiciary is being tarnished by the contradictory orders of the judges on the issues related to Kovid-19' | 'कोविड-19 से जुड़े मुद्दों पर न्यायाधीशों के विरोधाभासी आदेशों से न्यायपालिका की छवि धूमिल हो रही'

'कोविड-19 से जुड़े मुद्दों पर न्यायाधीशों के विरोधाभासी आदेशों से न्यायपालिका की छवि धूमिल हो रही'

कोच्चि, 28 जुलाई केरल उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने बुधवार को कहा कि अदालत की विभिन्न पीठों द्वारा कोविड-19 से जुड़े मुद्दों पर पारित किए जा रहे विरोधाभासी आदेशों से न्यायपालिका की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने राज्य सरकार से कहा कि वह विरोधाभासी आदेशों से बचने के लिए ऐसे सभी मामलों को किसी एक खास पीठ को भेजे जाने का आग्रह करे।

न्यायमूर्ति पी बी सुरेश कुमार ने कहा कि समान मुद्दे पर यदि विरोधाभासी आदेश पारित किए जाएंगे तो लोग उच्च न्यायालय और न्यायपालिका के बारे में क्या सोचेंगे।

उन्होंने कहा कि केरल उच्च न्यायालय की विभिन्न पीठों द्वारा कोविड-19 से जुड़े मुद्दों पर पारित किए जा रहे विरोधाभासी आदेशों से न्यायपालिका की छवि धूमिल हो रही है।

न्यायाधीश ने कहा कि राज्य सरकार विरोधाभासी आदेशों से बचने के लिए मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार से इस तरह के सभी मामलों को किसी एक विशिष्ट पीठ को भेजे जाने का आग्रह करे।

विरोधाभासी आदेशों का एक उदाहरण देते हुए न्यायमूर्ति कुमार ने कहा कि उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने कोविड-19 के मद्देनजर ऑफलाइन परीक्षा रोकने के इंजीनयिरंग छात्रों के आग्रह को मान लिया था, लेकिन एक अन्य न्यायाधीश ने ऑफलाइन परीक्षा कराए जाने के खिलाफ मेडिकल छात्रों की याचिका को खारिज कर दिया।

न्यायाधीश ने यह भी कहा कि यहां तक कि इस तरह के मामले दायर किए जाने से अवगत सरकारी वकील भी संबंधित पीठ को इस बारे में सूचना नहीं देते कि संबंधित मामला किसी दूसरी पीठ या न्यायाधीश के समक्ष लंबित है।

उन्होंने यह टिप्पणी निजी अस्पतालों के एक संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए कही जिसमें अस्पतालों को ऑक्सीजन आपूर्ति करनेवालों को महामारी के दौरान प्राणवायु की कीमत बढ़ाने से रोके जाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।

सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार ने अदालत को सूचित किया कि चिकित्सीय ऑक्सीजन के दाम निर्धारित कर दिए गए हैं।

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Web Title: 'The image of the judiciary is being tarnished by the contradictory orders of the judges on the issues related to Kovid-19'

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