आयकर विभाग से हाई कोर्ट ने पूछा, 'क्या जयललिता का कोई वारिस है'?

By भाषा | Published: September 10, 2018 10:15 PM2018-09-10T22:15:11+5:302018-09-10T22:15:11+5:30

न्यायमूर्ति हुलुवाडी जी. रमेश और न्यायमूर्ति के. कल्याणसुंदरम की पीठ ने आयकर विभाग के वकील से कहा कि वह इस बाबत निर्देश प्राप्त करें। इसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 26 सितंबर तय कर दी। 

The High Court asked the Income Tax Department, "Is Jayalalitha any heir?" | आयकर विभाग से हाई कोर्ट ने पूछा, 'क्या जयललिता का कोई वारिस है'?

आयकर विभाग से हाई कोर्ट ने पूछा, 'क्या जयललिता का कोई वारिस है'?

चेन्नई, 10 सितंबरः मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को आयकर विभाग से पूछा कि क्या तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता का कोई कानूनी वारिस है और क्या उन्होंने कोई वसीयत छोड़ी थी। न्यायालय ने जयललिता से जुड़े 20 साल से ज्यादा पुराने संपत्ति कर के एक मामले में दायर अपील पर सुनवाई के दौरान यह सवाल किया और फिर सुनवाई स्थगित कर दी। न्यायमूर्ति हुलुवाडी जी. रमेश और न्यायमूर्ति के. कल्याणसुंदरम की पीठ ने आयकर विभाग के वकील से कहा कि वह इस बाबत निर्देश प्राप्त करें। इसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 26 सितंबर तय कर दी। 

पीठ ने कहा कि चूंकि यह कानून में तय है कि अदालत किसी मृत व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही आगे नहीं बढ़ा सकती, ऐसे में जयललिता का कोई कानूनी वारिस है तो आयकर विभाग के वकील सेंथिल कुमार उसे रिकॉर्ड पर सामने लाएं। आयकर विभाग ने आयकर अपीलीय प्राधिकरण (आईटीएटी) के 30 सितंबर 2016 के उस आदेश के खिलाफ अपील दायर की है जिसमें जयललिता के खिलाफ संपत्ति कर आयुक्त के पुनरीक्षित संपत्ति कर मूल्यांकन आदेश को दरकिनार कर दिया गया था। 

यह मामला वर्ष 1997-98 के लिए जयललिता के संपत्ति कर मूल्यांकन से जुड़ा है। आयकर विभाग ने 27 मार्च 2000 को कुल संपत्ति 4.67 करोड़ रुपए बताने का आदेश जारी किया था। लेकिन बाद में, आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयललिता पर मुकदमा चलाने वाले सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक जांच निदेशालय की जांच के आधार पर विभाग ने इस आधार पर मूल्यांकन का पुनरीक्षण किया कि जयललिता ने त्रुटिपूर्ण घोषणा की थी। 

पुनरीक्षित मूल्यांकन को चुनौती देते हुए जयललिता ने करीब छह साल की देरी के बाद आईटीएटी का रुख किया था। आईटीएटी ने 30 सितंबर 2016 को उनकी अपील मंजूर कर ली थी और 2,255 दिनों की देरी माफ कर दी, जिसके खिलाफ आयकर विभाग ने इस साल उच्च न्यायालय का रुख किया था। 

Web Title: The High Court asked the Income Tax Department, "Is Jayalalitha any heir?"

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे