अदालत ने विदेशी गवाह से जिरह की अनुमति के लिए देर से याचिका दायर करने पर सीबीआई से सवाल किया

By भाषा | Updated: January 27, 2021 21:17 IST2021-01-27T21:17:46+5:302021-01-27T21:17:46+5:30

The court questioned the CBI for filing a late petition for cross-examination of the foreign witness. | अदालत ने विदेशी गवाह से जिरह की अनुमति के लिए देर से याचिका दायर करने पर सीबीआई से सवाल किया

अदालत ने विदेशी गवाह से जिरह की अनुमति के लिए देर से याचिका दायर करने पर सीबीआई से सवाल किया

नयी दिल्ली, 27 जनवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर और हथियार कारोबारी अभिषेक वर्मा से संबंधित मामले में विदेशी गवाह से जिरह करने की अनुमति के लिए देर से याचिका दायर करने पर बुधवार को सीबीआई से सवाल किया।

यह मामला कथित रूप से फर्जी लेटर हेड पर 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखने से संबंधित है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि विदेशी नागरिक सी एडमोंड एलेन से जिरह करने की सीबीआई की याचिका को इजाजत देने का मतलब सुनवाई को फिर से शुरू करना होगा क्योंकि निचली अदालत मामले में अंतिम दलीलों के लिए तारीख पहले ही तय कर चुकी है।

न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने कहा, “ गवाह को लाने के लिए आपको पैसा खर्च करना होगा। वह (एलेन) पिछले तीन साल से बिजनेस श्रेणी के उड़ान टिकट और अन्य चीज़ों की मांग कर रहा है। अब जब सब कुछ पूरा हो गया है तो आप यहां आ गए।“

सीबीआई ने तत्कालीन गृह राज्य मंत्री अजय माकन की शिकायत पर आरोप पत्र दायर किया है। माकन ने आरोप लगाया था कि उनके लैटर हेड पर 2009 में मनमोहन सिंह को फर्जी पत्र लिखा गया और व्यापार वीजा नियमों में ढील देने का अनुरोध किया गया।

वर्मा और टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धोखाधड़ी से संबंधित धाराओं और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।

उच्च न्यायालय को सूचित किया गया कि उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए एक साल की समयसीमा तय की हुई है जो 2019 में निकल चुकी है।

उच्च न्यायालय सीबीआई द्वारा 23 अक्टूबर 2020 के निचली अदालत के फैसले को दी गई चुनौती पर सुनवाई कर रहा था। इस फैसले में विदेशी नागरिक एलेन से जिरह करने की अनुमित मांगने वाली याचिका खारिज कर दी गई थी।

एजेंसी ने कहा था कि एलेन पहले भारत आने के लिए कई शर्ते रख रहा था लेकिन अब वह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए गवाही देने को राज़ी हो गया है।

आरोप पत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि टाइटलर ने चीन की टेलीकॉम कंपनी से धोखाधड़ी करने के लिए वर्मा के साथ सांठगांठ की। कांग्रेस नेता ने पहले कंपनी के अधिकारियों को फर्जी पत्र दिखाया और दावा किया कि इस पत्र को माकन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री को लिखा है।

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Web Title: The court questioned the CBI for filing a late petition for cross-examination of the foreign witness.

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