न्यायालय ने दुष्कर्म पीड़िता के नाम का जिक्र फैसले में किए जाने पर अप्रसन्नता जताई

By भाषा | Published: July 2, 2021 02:41 PM2021-07-02T14:41:00+5:302021-07-02T14:41:00+5:30

The court expressed displeasure over the mention of the name of the rape victim in the judgment | न्यायालय ने दुष्कर्म पीड़िता के नाम का जिक्र फैसले में किए जाने पर अप्रसन्नता जताई

न्यायालय ने दुष्कर्म पीड़िता के नाम का जिक्र फैसले में किए जाने पर अप्रसन्नता जताई

नयी दिल्ली, दो जुलाई उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ में एक सत्र अदालत के फैसले पर अप्रसन्नता जताई जिसमें बलात्कार पीड़िता के नाम का उल्लेख किया गया था और कहा कि सभी अधीनस्थ अदालतों को इस प्रकार के मामलों से निपटते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि यह पूरी तरह से स्थापित है कि इस प्रकार के मामलों में पीड़िता का नाम किसी भी कार्यवाही में नहीं आना चाहिए।

पीठ ने कहा,‘‘हम सत्र न्यायाधीश के फैसले पर अप्रसन्नता जताते हैं, जहां पीड़िता के नाम का उल्लेख किया गया है।’’ पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति विनीत शरण और न्यायमूर्ति एम आर शाह शामिल थे।

पीठ ने 30 जून के अपने आदेश में कहा,‘‘ हमारा मानना है कि सभी अधीनस्थ अदालतों को भविष्य में इस प्रकार से मामलों से निपटने के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए।’’

न्यायालय ने अपने आदेश में यह बात कही और दोषी की ओर से दाखिल याचिका खारिज कर दी। याचिका में बलात्कार के मामले में उसे दोषी ठहराने के छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई थी।

पीठ ने कहा,‘‘ मामले के तथ्य के अनुसार हम इस विशेष अवकाश याचिका पर सुनवाई नहीं करना चाहते। विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है।’’ उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2019 के अपने फैसले में बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए जाने के निचले आदेश के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी थी।’’ वर्ष 2001 में दर्ज मामले में महासमुद की सत्र अदालत ने व्यक्ति को दोषी करार दिया था।

उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि पीड़िता के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि यह सहमति से दैहिक संबंध बनाने का मामला नहीं है।

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने दिसंबर 2018 के अपने एक आदेश में कहा था कि दुष्कर्म और यौन प्रताड़ना के पीड़तों के नाम और उनकी पहचान उजागर नहीं की जा सकती, भले ही उनकी मृत्यु हो चुकी हो।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: The court expressed displeasure over the mention of the name of the rape victim in the judgment

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे