RSS ने राम मंदिर निर्माण को धार्मिक मामला नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति से जुड़ा बताया, कहा- सरकार की सांस्कृतिक जिम्मेदारियां हैं
By सुमित राय | Published: July 31, 2020 06:40 PM2020-07-31T18:40:54+5:302020-07-31T19:34:49+5:30
आरएसएस के संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने राम मंदिर निर्माण को सिर्फ धार्मिक मामला ना बताते हुए भारत की संस्कृति से जुड़ा बताया है।
अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर के भूमिपूजन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं और इसको लेकर धार्मिक से लेकर राजनीतिक चर्चा चल रही है। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसबोले राम ने राम मंदिर निर्माण को सिर्फ धार्मिक मामला ना बताते हुए भारत की संस्कृति से जुड़ा बताया है। बता दें कि 5 अगस्त को होने वाले भूमिपूजन में पीएम मोदी के शामिल होने की संभावना है और कोरोना संकट के बीच भूमिपूजन पर कई राजनीतिक दल सवाल उठा चुके हैं।
महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, "सरकार का राम मंदिर के साथ जो संबंध है वह केवल कानूनी या प्रशासनिक संबंध नहीं है। जनता की प्रतिनिधि होने के नाते सरकार की कुछ सांस्कृतिक जिम्मेदारियां हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार राम मंदिर का निर्माण सरकार की उन्हीं सांस्कृतिक जिम्मेदारियों में से एक है।"
उन्होंने आगे कहा, "अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण केवल धार्मिक मामला नहीं है, यह भारत की समृद्ध संस्कृति से जुड़ा हुआ है। जो मंदिर निर्माण का विरोध करते हैं, वो इसके लिए अक्सर धर्मनिरपेक्षता के बहाने का सहारा लेते हैं, लेकिन इसके बारे में कुछ नहीं जानते हैं।"
The construction of Ram temple in Ayodhya is not just a religious affair, it's associated with the rich culture of India. Those who oppose its construction often do it under the pretext of secularism but don't know anything about it: Dattatreya Hosabale, Joint Gen. Secretary, RSS https://t.co/0vmlHFeUkS
— ANI (@ANI) July 31, 2020
अयोध्या में भूमिपूजन की तैयारी जारी
भगवान राम की जन्म स्थली अयोध्या में भूमिपूजन से पहले तैयारियां जोरो पर हैं। कई इमारतों पर पीला रंग-रोगन किया जा रहा है जिनपर रामायाण के विभिन्न पात्रों की तस्वीरें उकेरी जा रही हैं। पीएम मोदी साकेत कॉलेज स्थित हेलीपैड से राम जन्मभूमि पहुंचेंगे।
राम जन्भूमि मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन समारोह के अवसर पर मंदिर प्रशासन लोगों और श्रद्धालुओं में वितरण के लिए ‘प्रसाद’ के एक लाख से अधिक पैकेट उपलब्ध कराएगा। रामलला की मूर्ति को 'भूमिपूजन' के दिन एक नई 'नवरत्न' पोशाक पहनायी जाएगी। पोशाक में नौ मणि रत्न जड़ित होंगे और इसकी सिलाई यहां की जा रही है।