बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्र से कहा : घर पर टीकाकरण नहीं करने की नीति पर पुनर्विचार करें

By भाषा | Published: April 22, 2021 07:42 PM2021-04-22T19:42:59+5:302021-04-22T19:42:59+5:30

The Bombay High Court asked the Center: reconsider the policy of not vaccinating at home | बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्र से कहा : घर पर टीकाकरण नहीं करने की नीति पर पुनर्विचार करें

बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्र से कहा : घर पर टीकाकरण नहीं करने की नीति पर पुनर्विचार करें

मुंबई, 22 अप्रैल बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह अपनी इस नीति पर पुनर्विचार करें कि घर-घर जाकर टीका लगाना संभव नहीं है। अदालत ने कहा कि उसे बुजुर्ग लोगों एवं दिव्यांगों की दशा पर विचार करना चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि सरकार ‘‘बुजुर्ग लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकती है।’’

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को अदालत को सूचित किया था कि घर-घर टीकाकरण संभव नहीं है और इसके लिए उसने संक्रमण की संभावना और टीका की बर्बादी सहित कई कारण गिनाए थे।

वकील ध्रुती कपाडिया और कुणाल तिवारी की तरफ से दायर जनहित याचिका के जवाब में केंद्र ने यह रूख रखा है।

जनहित याचिका में आग्रह किया गया कि 75 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, दिव्यांगों और बिस्तर तथा व्हीलचेयर पर रहने के लिए बाध्य लोगों की खातिर घर-घर जाकर टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जाए।

अदालत ने कहा कि कई बुजुर्ग व्यक्ति और अन्य लोग हैं जो बीमारी के कारण घर से बाहर नहीं निकल सकते हैं।

मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने कहा, ‘‘यह कहकर अध्याय समाप्त नहीं कीजिए यह संभव नहीं है। यह नीति नहीं होनी चाहिए। केंद्र सरकार को अपनी नीति पर फिर से गौर करना चाहिए और बुजुर्ग लोगों के लिए कुछ करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘नीति पर विशेषज्ञों को फिर से गौर करना चाहिए। आप बुजुर्ग लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते हैं।’’

न्यायाधीश ने कहा कि भारतीय संस्कृति में बुजुर्गों और बच्चों को प्राथमिकता दी जाती है।

अतिरिक्त सोलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि कई वरिष्ठ नागरिक गंभीर बीमारियों से पीड़ित होते हैं और टीका लगाए जाने के बाद उन्हें आधे घंटे तक चिकित्सीय निगरानी में अवश्य रखना होगा।

उन्होंने कहा कि यह घर-घर जाकर टीकाकरण कार्यक्रम में संभव नहीं हो पाएगा।

अदालत ने कहा कि बीच का रास्ता निकाला जाना चाहिए क्योंकि अन्य बीमारियों से पीड़ित ऐसे लोगों को सबसे ज्यादा टीके की जरूरत है।

मामले में अगली सुनवाई छह मई को होगी।

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Web Title: The Bombay High Court asked the Center: reconsider the policy of not vaccinating at home

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