शीर्ष न्यायालय ने एआरजी आउटलियर मीडिया प्रा. लि. की याचिका पर विचार करने से किया इनकार

By भाषा | Updated: December 17, 2020 21:14 IST2020-12-17T21:14:29+5:302020-12-17T21:14:29+5:30

The apex court awarded the ARG Outlier Media Pvt. Ltd. Refused to consider the petition | शीर्ष न्यायालय ने एआरजी आउटलियर मीडिया प्रा. लि. की याचिका पर विचार करने से किया इनकार

शीर्ष न्यायालय ने एआरजी आउटलियर मीडिया प्रा. लि. की याचिका पर विचार करने से किया इनकार

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने ‘औपनिवेशिक काल’ के 1922 के एक कानून की वैधता को चुनौती देने वाली एआरजी आउललियर मीडिया प्रा. लि. की याचिका पर बृहस्पतिवार को विचार करने से इंकार कर दिया। न्यायालय ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क का स्वामित्व रखने वाली इस कंपनी से कहा कि वह बंबई उच्च न्यायालय का रुख करे।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ 1922 के इस कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पुलिस (द्रोह उद्दीपन) कानून,1922, पुलिस बल में विद्रोह भड़काने के अपराध से संबंधित कानून है।

महाराष्ट्र में रिपब्लिक टीवी के कुछ पत्रकारों के खिलाफ मुंबई पुलिस को कथित रूप से बदनाम करने और पुलिस बल के सदस्यों में ही कटुता पैदा करने के प्रयास के आरोप में इसी कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

रिपब्लिक टीवी ने इस मामले में दर्ज प्राथमिकी को मीडिया के अधिकारों पर हमला करार देते हुये कहा है कि वह इस तरह के प्रत्येक हथकंड के खिलाफ संघर्ष करेगा।

एआरजी आउटलियर मीडिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ भटनागर ने बृहस्पतिवार को न्यायालय से कहा कि इस याचिका में औपनिवेशिक काल के कानून की वैधता को चुनौती दी गयी है, जिसका अब बोलने की आजादी पर अंकुश लगाने के लिये इस्तेमाल किया जा रहा है।

पीठ ने कहा, ‘‘इसमें कार्रवाई महाराष्ट्र में हो रही है। आप (बंबई) उच्च न्यायालय क्यों नहीं जाते।’’

शीर्ष अदालत ने भटनागर को यह याचिका वापस लेने ओर उच्च न्यायालय जाने की स्वतंत्रता प्रदान कर दी।

एक पुलिस अधिकारी की शिकायत पर मुंबई में एन एम जोशी मार्ग थाने मे 1922 के इस कानून की धारा 3 (1) और भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

प्राथमिकी में कहा गया है कि आरोपियों ने मुंबई के पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के खिलाफ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के कथित ‘विद्रोह’ के बारे में एक खबर प्रसारित की थी, जिसके बारे में दावा किया गया है कि यह पुलिस बल के सदस्यों को देशद्रोह के लिये उकसाने और बल को बदनाम करने जैसा है।

इस टीवी चैनल ने कहा था कि मुंबई पुलिस ने प्रेस की आजादी पर हतप्रभ करने वाले हमले में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को नोटिस जारी करके उसकी शुरूआत से लेकर अब तक के प्रत्येक लेन देन और पत्रकारों तथा कर्मचारियों का विवरण मांगा है।

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Web Title: The apex court awarded the ARG Outlier Media Pvt. Ltd. Refused to consider the petition

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