कई ऐतिहासिक शख्सियतों, भारतीय राजवंशों पर पाठ्य पुस्तकों में सामग्री की जरूरत है :सहस्त्रबुद्धे
By भाषा | Updated: December 1, 2021 23:04 IST2021-12-01T23:04:52+5:302021-12-01T23:04:52+5:30

कई ऐतिहासिक शख्सियतों, भारतीय राजवंशों पर पाठ्य पुस्तकों में सामग्री की जरूरत है :सहस्त्रबुद्धे
नयी दिल्ली, एक दिसंबर भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं शिक्षा पर संसदीय समिति के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने बुधवार को कहा कि स्कूली पाठ्य पुस्तकों का प्रकाशन करने वालों की ओर से कमी होने के चलते कई ऐतिहासिक शख्सयितों और भारत के महान व्यक्तियों को उनमें जगह नहीं मिल पाई है।
वर्तमान में छात्रों को उपलब्ध स्कूली पाठ्य पुस्तकों की सामग्री और डिजाइन में बदलाव की हिमायत करते हुए राज्यसभा सदस्य ने कहा कि चोल, विजयनगर, अहोम जैसे भारत के महान राजाओं और राजवंशों के शासन के बारे में कहानियां भविष्य की पीढ़ियों के लिए पाठ्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्कूली पाठ्यपुस्तकों में छात्रों को आदिवासी-वनवासी समुदाय तथा नजरअंदाज कर दी गईं अन्य महान शख्सियतों के बारे में भी शिक्षा देनी चाहिए।
भाजपा नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह निश्चित तौर पर पाठ्य पुस्तकें बनाने वालों की ओर से कमी है। दूरदृष्टि की कमी, उनके गलत विचार के कारण हमारी महान शख्सियतों को उनमें प्रमुखता से जगह नहीं मिल पाई है। ’’
सहस्त्रबुद्धे से उनके तहत एक संसदीय समिति की ताजा रिपोर्ट में ‘स्कूली पाठ्य पुस्तकों की सामग्री व डिजाइन में सुधार’ पर टिप्पणी करने को कहा गया था।
समिति की रिपोर्ट मंगलवार को संसद के पटल पर रखी गई थी। इसमें सिख और मराठा इतिहास से पाठ्यक्रम में और अधिक सामग्री जोड़ने तथा पुस्तकों को लैंगिक रूप से समावेशी बनाने पर जोर दिया गया है।
समिति ने सिफारिश की है कि वेदों और भगवद् गीता से जानकारियां भी पाठ्यक्रम में शामिल की जानी चाहिए। भगवान महावीर के उपदेशों को शामिल किया जाना चाहिए।
सहस्त्रबुद्धे, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष भी हैं।
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