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राज्यसभा में PM मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस, तेलंगाना गठन के बयान पर टीआरएस ने बायकॉट किया

By विशाल कुमार | Updated: February 10, 2022 12:46 IST

उपसभापति हरिवंश ने कहा कि नोटिस फिलहाल राज्यसभा के सभापति के समक्ष विचाराधीन है और जब तक वह इसे मंजूर नहीं करते, तब तक इस पर कोई चर्चा नहीं हो सकती। इसका विरोध करते हुए, बाद में टीआरएस के सदस्यों ने सदन से बायकॉट किया।

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ठळक मुद्देउपसभापति हरिवंश ने कहा कि नोटिस फिलहाल राज्यसभा के सभापति के समक्ष विचाराधीन है।इसका विरोध करते हुए, बाद में टीआरएस के सदस्यों ने सदन से बायकॉट किया।

नई दिल्ली:तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आंध्र प्रदेश के विभाजन के संदर्भ में पिछले दिनों राज्यसभा में दिए गए एक बयान को लेकर बृहस्पतिवार को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया और उस पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया।

उपसभापति हरिवंश ने कहा कि नोटिस फिलहाल राज्यसभा के सभापति के समक्ष विचाराधीन है और जब तक वह इसे मंजूर नहीं करते, तब तक इस पर कोई चर्चा नहीं हो सकती। इसका विरोध करते हुए, बाद में टीआरएस के सदस्यों ने सदन से बायकॉट किया।

सुबह जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही प्रारंभ हुई, उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और शून्य काल के लिए राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा का नाम पुकारा। 

इसी बीच, टीआरएस सदस्य के केशव राव ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का एक नोटिस दिया है। उन्होंने इस पर चर्चा कराने की मांग की। इस पर उपसभापति ने कहा कि उनका नोटिस आज ही मिला है और वह सभापति के समक्ष विचाराधीन है। 

उन्होंने कहा, ‘‘सभापति इस पर निर्णय लेंगे।’’ इसके बाद टीआरएस सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया। टीआरएस सदस्यों को कांग्रेस, वामपंथी दलों और तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों का साथ मिला। कांग्रेस के आनंद शर्मा भी अपनी सीट पर खड़े होकर कुछ कहते देखे गए लेकिन उपसभापति ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी।

उन्होंने कहा, ‘‘विशेषाधिकार के मामले को सभापति की मंजूरी के बाद ही कोई सदस्य सदन में उठा सकता है, इसलिए मैं आपको इजाजत नहीं दूंगा।’’ 

उपसभापति ने आसन के समक्ष हंगामा कर रहे सदस्यों को अपनी सीट पर लौटने का आग्रह किया और फिर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने का मौका दिया। 

खड़गे ने कहा, ‘‘तेलंगाना के लिए आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक पर अगर प्रधानमंत्री ऐसी टिप्पणी करते हैं... जो विधेयक दोनों सदनों में पास हुआ और निर्णय लिया गया...और जिसके लिए हजारो लोगों ने कुर्बानी दी।’’ 

खड़गे अभी बोल ही रहे थे कि उपसभापति ने उन्हें रोका और शून्य काल आरंभ कर दिया। इसके बावजूद खड़गे बोलते रहे लेकिन उनकी बात नहीं सुनी जा सकी। इस दौरान टीआरएस के सदस्यों ने हंगामा जारी रखा। बाद में टीआरएस के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। 

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए आठ फरवरी को कहा था कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ‘‘बहुत शर्मनाक’’ तरीके से आंध्रप्रदेश का विभाजन किया था।  उन्होंने कहा था, ‘‘माईक बंद कर दिये गये। मिर्ची स्प्रे की गई, कोई चर्चा नहीं हुई। क्या यह तरीका ठीक था क्या? क्या यह लोकतंत्र था क्या?’’

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