तेलंगाना चुनाव में वोटिंग के बाद 11 दिसंबर को नतीजे आने हैं लेकिन उससे पहले ही राज्य में जोड़-तोड़ की रणनीति बननी शुरू हो गई है। चुनाव के दौरान के. चंद्रशेखर राव को भ्रष्ट बताने वाली भारतीय जनता पार्टी के सुर बदल गए हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के.लक्ष्मण ने टीआरएस के साथ जाने के संकेत दिए हैं।
उन्होंने कहा, ''अगर राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनती है तो भाजपा टीआरएस को समर्थन देने के लिए तैयार है, भाजपा किसी भी कीमत पर ओवैसी और कांग्रेस को समर्थन नहीं देगी। अंतिम निर्णय पार्टी हाई कमांड ही लेगा।''
हालांकि, टीआरएस ने कहा है कि उन्हें किसी के समर्थन की जरुरत नहीं है। और उन्हें पूर्ण विश्वास है कि वे अपने दम पर सरकार बना लेंगे।
भाजपा के टीआरएस को ऑफर देने के बाद कांग्रेस पार्टी भी हरकत में आ गई है। तेलंगाना कांग्रेस के नेता जी. एन. रेड्डी ने कहा है कि राजनीति में कोई स्थायी दुश्मन या दोस्त नहीं होता है। यदि चंद्रशेखर राव भाजपा के साथ जाते हैं तो एआईएमआईएम भी कांग्रेस के साथ आ सकती है।
एग्जिट पोल के आंकड़े क्या कहते हैं
तेलंगाना में एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक टीआरएस (TRS)बहुमत हासिल कर सकती है और इसी के साथ ही चंद्रशेखर राव की राज्य की सत्ता में दोबारा वापसी हो सकती है।
टाइम्स नाउ के एग्जिट पोल के मुताबिक, तेलंगाना में टीआरएस इस बार के विधानसभा चुनाव में 66 सीटें जीत सकती है तो वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस को दिखाया गया है।
कांग्रेस के तेलंगाना में 37 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करने का अनुमान है। जबकि बीजेपी को यहां महज 7 सीटें ही मिलेगी।
इंडिया टुडे के एग्जिट पोल में भी तेलंगाना में टीआरएस को पूर्ण बहुमत हासिल करते हुए दिखाया गया है। इंडिया टुडे और एक्सिस माई इंडिया के पोल के मुताबिक तेलंगाना में टीआरएस 79-91 सीटें जीत सकती है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस को 21-33 सीटें मिलने की बात कही गई है। साथ ही बीजेपी के 1-3 सीट पर ही सिमट कर रह जाने के संकेत है।